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Saturday, 4 April 2015
आर्थिक मामले में चाणक्य ...
आ
र्थिक मामले में
चाणक्य ...
Quote 301:
धनवान व्यक्ति का सारा संसार सम्मान करता है।
Quote 302:
धनविहीन महान राजा का संसार सम्मान नहीं करता।
Quote 303:
दरिद्र मनुष्य का जीवन मृत्यु के समान है।
Quote 304:
धनवान असुंदर व्यक्ति भी सुरुपवान कहलाता है।
Quote 305:
याचक कंजूस-से-कंजूस धनवान को भी नहीं छोड़ते।
Quote 306:
उपार्जित धन का त्याग ही उसकी रक्षा है। अर्थात उपार्जित धन को लोक हित के कार्यों में खर्च करके सुरक्षित कर लेना चाहिए।
Quote 307:
अकुलीन धनिक भी कुलीन से श्रेष्ठ है।
Quote 308:
नीच व्यक्ति को अपमान का भय नहीं होता।
Quote 309:
कुशल लोगों को रोजगार का भय नहीं होता।
Quote 310:
जितेन्द्रिय व्यक्ति को विषय-वासनाओं का भय नहीं सताता।
Quote 311:
कर्म करने वाले को मृत्यु का भय नहीं सताता।
Quote 312:
साधू पुरुष किसी के भी धन को अपना ही मानते है।
Quote 313:
दूसरे के धन अथवा वैभव का लालच नहीं करना चाहिए।
Quote 314:
मृत व्यक्ति का औषधि से क्या प्रयोजन।
Quote 315:
दूसरे के धन का लोभ नाश का कारण होता है।
Quote 316:
दूसरे का धन किंचिद् भी नहीं चुराना चाहिए।
Quote 317:
दूसरों के धन का अपहरण करने से स्वयं अपने ही धन का नाश हो जाता है।
Quote 318:
चोर कर्म से बढ़कर कष्टदायक मृत्यु पाश भी नहीं है।
Quote 319:
जीवन के लिए सत्तू (जौ का भुना हुआ आटा) भी काफी होता है।
Quote 320:
हर पल अपने प्रभुत्व को बनाए रखना ही कर्त्यव है।
Quote 321:
नीच की विधाएँ पाप कर्मों का ही आयोजन करती है।
Quote 322:
निकम्मे अथवा आलसी व्यक्ति को भूख का कष्ट झेलना पड़ता है।
Quote 323:
भूखा व्यक्ति अखाद्य को भी खा जाता है।
Quote 324:
इंद्रियों के अत्यधिक प्रयोग से बुढ़ापा आना शुरू हो जाता है।
Quote 325:
संपन्न और दयालु स्वामी की ही नौकरी करनी चाहिए।
Quote 326:
लोभी और कंजूस स्वामी से कुछ पाना जुगनू से आग प्राप्त करने के समान है।
Quote 327:
विशेषज्ञ व्यक्ति को स्वामी का आश्रय ग्रहण करना चाहिए।
Quote 328:
उचित समय पर सम्भोग (sex) सुख न मिलने से स्त्री बूढी हो जाती है।
Quote 329:
नीच और उत्तम कुल के बीच में विवाह संबंध नहीं होने चाहिए।
Quote 330:
न जाने योग्य जगहों पर जाने से आयु, यश और पुण्य क्षीण हो जाते है।
Quote 331:
अधिक मैथुन (सेक्स) से पुरुष बूढ़ा हो जाता है।
Quote 332:
अहंकार से बड़ा मनुष्य का कोई शत्रु नहीं।
Quote 333:
सभा के मध्य शत्रु पर क्रोध न करें।
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