Tuesday, 7 April 2015

जन्मो जन्मो से मे तेरी बैठा आस लगा के मॉ

             जन्मो जन्मो से मे तेरी बैठा आस लगा के मॉ

 



ध्यानु को तार दिया बनिये को पार किया लाखो करोडो का तुने उधार किया

ओ मेरी वारी क्यो देर लगायी मॉ तेरा में कुछ भी नही

ध्यानु को तार दिया....................

जन्मो जन्मो से मे तेरी बैठा आस लगा के मॉ

तेरी राहो मे अपने नयनो के दीप जला के मॉ

तुने काज सॅवारे सबके दुख निवारे सबके भॅवरो में अटके बेडे पार उतारे सबके

क्यो है याद मेरी दिल से भुलायी मॉ मे तेरा कुछ भी नही

ध्यानु को तार दिया..........................

सुना तेरे दर जो भी खाली झाली लाता है भर देती भंडारे उसके मन चाहा फल पाता है

भक्तो की तु रखवाली जगदम्बे शेरो वाली अपने बच्चो के सोये भाग्य जगाने वाली

क्यो ना मेरी भी बिगडी बनायी क्या मे मॉ तेरा कुछ भी नही

ध्यानु को तार दिया ....................

कहती है सारी तु तीन लोक से न्यारी से तीन लोक से न्यारी है

भव सागर से पार करे मॉ जग की पालन हारी है

तु जानी जान भवानी मे हु अन्जान भवानी चचंल पर क्रपा कर दे क्रपा निधान भवानी

ओ मेरी क्यो ना हुई सुनवाई मॉ क्या मै तेरा कुछ भी नही

ध्यानु को तार...............

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