धूमावती मंत्रम
॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥
- सर्व बाधा निवारण हेतु.
- मंगल या शनिवार से प्रारंभ करें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
- यथा संभव मौन रहें.
- अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें.
- सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफ़ेद आसन पर बैठ कर जाप करें.
- यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.
- बेसन के पकौडे का भोग लगायें.
- जाप के बाद भोग को निर्जन स्थान पर छोड कर वापस मुडकर देखे बिना लौट जायें.
- ११००० जाप करें. ११०० मंत्रों से हवन करें.मंत्र के आखिर में स्वाहा
- लगाकर हवन सामग्री को आग में छोडें. हवन की भस्म को प्रभावित स्थल या घर पर छिडक दें. शेष भस्म को नदी में प्रवाहित करें.
- जाप पूरा हो जाने पर किसी गरीब विधवा स्त्री को भोजन तथा सफ़ेद साडी दान में दें.
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