महाशिवरात्रि को करने हेतु विशेष आवाहन और मंत्र
महाशिवरात्रि को करने हेतु विशेष आवाहन और मंत्र
व्यापार में वृद्धि हेतु:-
महाशिवरात्रि के दिन शुभ समय में पारद शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करवाकर स्थापित करने से व्यवसाय में वृद्धि व नौकरी में तरक्की मिलती है तथा इस प्रयोग से मानसिक तथा आद्यात्मिक सुखो में वृद्धि होती है |
किसी भी प्रकार कि बाधा नाश हेतु:-
शिवरात्रि के प्रदोष काल में स्फटिक शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद व शक्कर से स्नान करवाकर धूप-दीप जलाकर निम्न मंत्र का जाप करने से समस्त बाधाओं का नाश होता है | इस शिव गायत्री मंत्र कि हवन में कम से कम १०८ बार आहुतियाँ अवश्य देवें |
|| ॐ तुत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र: प्रचोदयात् ||
बीमारी से छुटकारा पाने हेतु:-
शिव मंदिर में शिव-लिंग पूजन कर महामृत्युंजय मंत्र के दस हज़ार मंत्रों का जाप करने से प्राण रक्षा होती है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला पर करें।
महामृत्युंजय मंत्र
शत्रु नाश हेतु:-
शिवरात्रि को रूद्राष्टकम का पाठ २१ बार करने से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। मुक़दमे में जीत व समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
मोक्ष की प्राप्ति हेतु:-
शिवरात्रि को एक मुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से स्नान करवाकर धूप-दीप दिखा कर तख्ते पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। शिव रूप रूद्राक्ष के सामने बैठ कर “ॐ नम: शिवाय” के सवा लाख मंत्र जप का संकल्प लेकर जाप आरंभ करें। जप शिवरात्रि के बाद भी जारी रखना चाहिए |
महाशिवरात्रि को करने हेतु विशेष आवाहन और मंत्र
व्यापार में वृद्धि हेतु:-
महाशिवरात्रि के दिन शुभ समय में पारद शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करवाकर स्थापित करने से व्यवसाय में वृद्धि व नौकरी में तरक्की मिलती है तथा इस प्रयोग से मानसिक तथा आद्यात्मिक सुखो में वृद्धि होती है |
किसी भी प्रकार कि बाधा नाश हेतु:-
शिवरात्रि के प्रदोष काल में स्फटिक शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद व शक्कर से स्नान करवाकर धूप-दीप जलाकर निम्न मंत्र का जाप करने से समस्त बाधाओं का नाश होता है | इस शिव गायत्री मंत्र कि हवन में कम से कम १०८ बार आहुतियाँ अवश्य देवें |
|| ॐ तुत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र: प्रचोदयात् ||
बीमारी से छुटकारा पाने हेतु:-
शिव मंदिर में शिव-लिंग पूजन कर महामृत्युंजय मंत्र के दस हज़ार मंत्रों का जाप करने से प्राण रक्षा होती है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला पर करें।
महामृत्युंजय मंत्र
शत्रु नाश हेतु:-
शिवरात्रि को रूद्राष्टकम का पाठ २१ बार करने से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। मुक़दमे में जीत व समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
मोक्ष की प्राप्ति हेतु:-
शिवरात्रि को एक मुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से स्नान करवाकर धूप-दीप दिखा कर तख्ते पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। शिव रूप रूद्राक्ष के सामने बैठ कर “ॐ नम: शिवाय” के सवा लाख मंत्र जप का संकल्प लेकर जाप आरंभ करें। जप शिवरात्रि के बाद भी जारी रखना चाहिए |
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