Thursday 30 April 2015

क्या होती है इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल

क्या होती है इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल

एक गोली ने औरतों की दुनिया बदल दी। कॉन्ट्रासेप्टिव पिल के आने के बाद महिलाएं महज बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं रह गईं , बल्कि वे खुद से फैसला करने लगीं कि उन्हें मां कब बनना है। इस रिवोल्यूशन का अगला स्टेप था इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल , जिसे एहतियात बरते बिना सेक्स करने के फौरन बाद खा लेने से गर्भ ठहरने की आशंका नहीं रहती। मगर इस गोली की वजह से महिलाओं का भला ही नहीं , बुरा भी हो रहा है। इन गोलियों के अंधाधुंध इस्तेमाल की वजह से होने वाली दिक्कतों और प्रेग्नेंसी रोकने और फैमिली प्लानिंग के दूसरों तरीकों पर तमाम एक्सर्पट्स से बात के बाद जो जानकारी हमने इकट्ठा की , उसके अनुसार ...

क्या होती है इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल
अनसेफ सेक्स के बाद प्रेग्नेंसी रोकने के लिए खाई जाने वाली गोली। इस गोली में दो - तीन तरह के हॉर्मोंस की हेवी डोज होती है। ये हॉर्मोन हैं - इस्ट्रजन और प्रजेस्टिन। कुछ गोलियों में इन दोनों का कॉम्बिनेशन होता है तो कुछ में इनके साथ एंटीप्रजेस्टिन भी होता है। मार्केट में मिल रही कुछ पॉपुलर इमरजेंसी पिल आईपिल और पिल -72 हैं। दावा किया जाता है कि अगर इन दवाओं को अनसेफ सेक्स के 72 घंटे के अंदर खा लिया जाए तो प्रेग्नेंट होने की संभावना नहीं रहती।

कैसे करती है काम
इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल यूटरस ( गर्भाशय ) की अंदरूनी सतह पर असर करती है। इस सतह या इनर लाइनिंग को एंडोमीट्रियम कहते हैं। पिल में मौजूद हॉर्मोंस की वजह से इसमें कुछ फिजिकल और बायोकेमिकल चेंज होते हैं। जब एक एग फर्टिलाइज होता है , तो उसे खुद को इंप्लांट करना होता है , जो पिल से आए बदलावों की वजह से मुमकिन नहीं हो पाता।

इसके अलावा हॉर्मोन वेजाइना के अंदरूनी हिस्से सर्विक्स ( यही हिस्सा वेजाइना को यूटरस से जोड़ता है ) में रिसने वाले फ्लुइड ( सर्वाइकल म्यूकस ) को गाढ़ा कर देते हैं। इस म्यूकस के गाढ़ा होने की वजह से वेजाइना के अंदर स्पर्म आसानी से ट्रांसपोर्ट नहीं कर पाते हैं और गर्भ ठहरने की संभावना कम हो जाती है।

समर स्पेशल ब्यूटी टिप्स - Summer Special Beauty Tips



समर स्पेशल ब्यूटी टिप्स
खूबसूरत और आकर्षक चेहरा हर किसी को प्रभावित करता है। अपनी सुंदरता को निखारने के लिए आप घर व बाहर दोनों प्रकार के प्रसाधनों का उपयोग कर सकती हैं। आइए जानते हैं इसी बारे में कुछ बातें :-

गर्मी से बचाव
अगर कहीं बाहर जाना हो तो सनस्क्रीन लगाकर निकलें व छाते का प्रयोग करें। धूप और प्रदूषण से बालों पर बुरा असर पड़ता है। अतः हमेशा चेहरे व बालों को बाँधकर घर से निकलें। धूप के संपर्क में आने वाले शरीर के हिस्सों पर अच्छी तरह से सनस्क्रीन लगाएँ।

लहराती चमकदार जुल्फें
बालों की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए हर 15 दिन में मेहँदी का प्रयोग अवश्य करें। यह बालों के लिए कंडीशनर का काम करेगी। इसके अलावा सप्ताह में एक बार अंडे और दही का प्रयोग करना भी बालों की सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा।

बेसन, नीबू का रस और दही इन सबको समान मात्रा में लेकर बालों में मसाज करें, फिर बालों को धो लें। आखिर में बालों को नीबू के पानी से फाइनल रिंस करें।

1 कटोरी मेहँदी में आँवला, शिकाकाई, रीठा, मैथी, नीम, तुलसी सभी 1-1 चम्मच लेकर दही में मिलाएँ, आधा नीबू का रस भी मिलाकर बालों में लगाएँ, 1 घंटा लगा रहने दें। यह बालों में मजबूती लाएगा और बालों में चमक भी बनी रहेगी।

थोड़े से गर्म पानी में नीबू का रस मिलाकर उस पानी से बालों को फाइनल रिंस करें। रुखे और बेजान बालों में इसमें नई चमक आ जाएगी।

दमकती खिली-खिली त्वचा
गर्मी के दिनों में चेहरे पर ताजगी लाने के लिए दो चम्मच बेसन, हल्दी पावडर, गुलाब जल व शहद मिलाकर लेप बनाएँ। इसे चेहरे व हाथ-पैरों और गर्दन पर लगाएँ व 10 मिनट बाद धो लें। इससे त्वचा सुंदर व स्वस्थ बनी रहेगी।

आँखों में जलन व काले घेरों को कम करने के लिए रात को सोते समय आँखों पर ठंडे दूध में रुई भिगोकर रखें।

होठों को सुंदर और मुलायम बनाए रखने के लिए रात को सोते समय दूध की मलाई लगाएँ, सुबह ठंडे पानी से धो लें।

कच्चे दूध में हल्दी डालकर पेस्ट बनाएँ। इसे चेहरे और हाथ-पैरों पर लगाएँ। 10 मिनट बाद धो लें। त्वचा निखर उठेगी।

8-10 दिन में एक बार चेहरे को भाप अवश्य दें। इस पानी में पुदीना, तुलसी की पत्ती, नीबू का रस व नमक डालें। भाप लेने के बाद इसी गुनगुने पानी में 5 मिनट के लिए हाथों को रखें। हाथ मुलायम हो जाएँगे।

दही में मुल्तानी मिट्टी, संतरे का पावडर व शहद मिलाकर रोज 5 मिनट चेहरे पर लगाएँ।


बारिश में डायरिया होने पर बरतें सावधानियां




बारिश में डायरिया होने पर बरतें सावधानियां

 बारिश के दिनों में गैस्ट्रोएंट्राइटिस होने पर डायरिया और उल्टियां होने जैसी परेशानियां हो सकती हैं। यह वायरस, बै‍क्टीरिया या पैरासाइट्स से होता है। इस बीमारी का मुख्य कारण पानी का संक्रमित होना है।

क्या सावधानी बरतें :
हमेशा फिल्टर्ड पानी इस्तेमाल में लाएं। घर में लगे वॉटर फिल्टर की नियमित रूप से सर्विस कराएं।

    इसका कंटेनर अंदर से बिलकुल सूखा होना चाहिए। इसे नल के पानी से साफ करें। अगर यह अंदर से गीला होगा तो फिल्टर होकर जमा होने वाला पानी नल के पानी से मिक्स होकर संक्रमित होकर संक्रमित हो जाएगा। इसे सामान्य पानी से साफ करने के बाद आखिर में उबले या फिल्टर किए पानी से अंदर से धो लें ताकि यह जर्म्स फ्री हो जाए।
  
 इसके कंटेनर को नियमित रूप से धोएं। इसे 2-3 दिन के लिए यों ही रखा रहने देने से भी इसके अंदर गंदगी जमा हो जाती है।

फिल्टर पानी को 24 घंटे के अंदर-अंदर इस्तेमाल करें। इस्तेमाल में लाने के बाद इसके कंटेनर को फिर से साफ करें।

छोटे बच्चों को फिल्टर के पानी को उबालकर व ठंडा करके पीने के लिए देना चाहिए।

डेढ़-दो साल के बच्चे को नहलाना भी इसी पानी से चाहिए, क्योंकि नहलाते समय पानी उनके मुंह में चला जाता है। उससे भी डायरिया हो सकता है।

कई पैरेंट्स बच्चे को गीजर से गरम किए पानी से यह सोचकर नहला देते हैं कि पानी गरम होने की वजह से जर्म्स फ्री हो गया है। ऐसा न करें।

हमेशा खाना बनाने से पहले हाथ धोएं। फल-सब्जियां अच्छी तरह साफ कर इस्तेमाल करें।

बच्चे को भी हाथ धोकर खाना खाने को कहें। छोटे बच्चे दीवारों पर हाथ लगाते हुए चलते हैं और उसी हाथ से खाना खा लेते हैं। इससे भी संक्रमण का खतरा रहता है।

डेढ़ से दो साल बच्चे जिनके दांत निकल रहे होते हैं, उनमें डायरिया होना सामान्य समस्या है। इसका कारण जमीन पर रखी कोई भी संक्रमित चीज उठाकर मुंह में डालकर चबाना है।

डायरिया का दांत निकलने से कोई संबंध नहीं है जबकि अकसर मां यही कहती हैं कि बच्चा दांत निकाल रहा है इसलिए डायरिया हो गया है। मां ध्यान रखें कि बच्चे जो भी चीज मुंह में डालें, वह साफ हो।

बच्चे को बाजार से कोई भी कटा फल न खाने को दें और न ही ज्यूस पीने दें। मक्खियों की वजह से संक्रमण हो सकता है।

मां बच्चों को गरमियों में दही, छाछ, मट्ठा आदि खूब दें। दही पाचन शक्ति बढ़ाता है और इंफेक्शन से बचाता है।

बड़े लोगों को डायरिया हो तो वे इलाज कराने पर जल्दी ठीक हो जाते हैं। लेकिन बच्चों को अकसर ठीक होने में वक्त लग जाता है।

अगर बच्चे को डायरिया हो जाए तो डॉक्टर से इलाज कराएं। इसमें मुख्य रूप से डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है

शनिवार की रात खुद पर काबू नहीं रख पाती महिलाए




शनिवार की रात खुद पर काबू नहीं रख पाती महिलाए

सैटरडे नाइट सिर्फ पुरुषों के लिए ही खास नहीं होता बल्कि दुनियाभर की महिलाओं के लिए भी यह खास दिन होता है. यूके के हेल्थ एंड ब्यूटी रीटेलर, सुपरड्रग की स्टडी के अनुसार, ज्यादातर महिलाएं सप्ताह में एक बार अपने आप पर काबू नहीं रख पाती हैं और वह मौका आमतौर पर शनिवार की रात है.

सर्वे में यह बात सामने आई है कि महिलाएं खुद को सिडक्टिव फील कराने के लिए कई तरह के टिप्स अपनाती हैं.

महिलाएं गर्म पानी का स्नान बेहद पसंद करती हैं. उन्हें अपने खूबसूरत पैरों को दिखाना और पुश-अप ब्रा पहनना बहुत पसंद होता है.

खुद को सेक्सी फील कराने में एक पसंदीदा परफ्यूम का हल्का सप्रे लिस्ट में सबसे ऊपर आता है. एक खूबसूरत हेयर स्टाइल और सेक्सीद स्मातइल भी काफी अच्छा काम कर जाती है.

डेली एक्सप्रेस में प्रकाशित सुपरड्रग के सारा वोलवरसन के अनुसार , ' इस पोल ने यह साफ किया है कि महिलाओं को यह पता होता है कि उन्हें सेक्सी फील करने के लिए क्या करना चाहिए , लेकिन वे आमतौर पर नहीं करती है. किसी विशेष दिन ही वे ये टिप्स अपनाती हैं.

2000 महिलाओं के साथ हुए सर्वे में आधी से ज्यादा महिलाओं ने परफ्यूम के सिंपल सप्रे के लिए पोल किया. उन्हें परफ्यूम का हल्का सप्रे स्पेशल फील कराने के लिए बेहद पसंद है.

एक तिहाई महिलाओं से ज्यादा महिलाओं ने कहा है कि उन्हें एक नया हेयर कलर या फिर हाइलाइट्स से सेक्सी फील होता है.

सेक्सी लुक पाने में वैक्सिंग , पूरी बॉडी पर फेक टैन अप्लाई करना और स्ट्रेटनिंग या फिर हेयर कर्लिंग , नियमित रूप से व्यायाम करना , टाइट-फिटिंग टॉप पहनना , शॉर्ट स्कर्ट और जूलरी पहनना भी मदद करते हैं.

पोल में यह भी सामने आया है कि महिलाएं खुद को रिलैक्स और सेक्सी फील करने के लिए कई घंटे स्पा में बिताती हैं.

Wednesday 29 April 2015

उत्साह का चमत्कार - The miracle of enthusiasm



उत्साह का चमत्कार
 एक महिला कैंसर से बुरी तरह पीड़ित थी। डॉक्टरों ने उसे बता दिया था कि उसके पास जीवन के सिर्फ 6 महीने ही बचे हैं। इस दौरान उसे महंगा इलाज कराना होगा। महिला के पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे। जीवन के मात्र छह महीने बाकी देखकर उसने तय किया कि वह एक-एक क्षण का सदुपयोग करेगी। उसने गरीबों और निराश्रितों की सेवा शुरू कर दी। वह सारा दिन गरीब बच्चों के चेहरों पर खुशियां लाने का प्रयास करती। उनके साथ हंसती-खेलती। उत्साह में उसके दिन तेजी से बीत रहे थे।

एक दिन महिला ने कैंसर पीड़ितों की सेवा हेतु देशवासियों से आर्थिक सहायता की अपील की। उसने जन-जन तक कैंसर पीड़ितों की हालत बयां करने के लिए समाचार पत्र, पत्रिकाएं, रेडियो, टेलीविजन आदि का सहारा लिया। लोगों ने तुरंत पैसा देना शुरू भी कर दिया। दो-तीन महीने में ही इतना धन एकत्र हो गया कि उनसे एडंवास तकनीक की तीन-चार मशीनें आ गईं और एक कैंसर अस्पताल का निर्माण भी होने लगा। अपनी सफलता देखकर महिला का उत्साह चरम पर था। उसे दिल से खुशी थी कि उसके प्रयास सफल हो रहे थे।

महिला इन कार्यों में इतनी व्यस्त रही कि उसे इस बात का ध्यान ही न रहा कि वह खुद कैंसर पीड़ित है। एक साल बाद उसे ध्यान आया कि डॉक्टरों ने तो उसके जीवन के छह माह ही बाकी बताए थे। लेकिन अब वह पहले से अधिक स्वस्थ महसूस कर रही थी। जांच में पाया गया कि उसका कैंसर गायब हो चुका था। यह देख डॉक्टर दंग रह गए। महिला मुस्करा कर बोली, 'यह कैंसर उत्साह और सेवा भावना से डर कर भाग गया है।' सभी उसकी बात से सहमत थे।

शेयर मार्किट में निवेश कैसे करे How to invest in stock market



शेयर मार्किट में निवेश कैसे करे

यदि आपको शेयर बाजार के बारे में कम जानकारी है अथवा आप इस बाजार के नये खिलाड़ी हैं या आप चाहते तो हैं कि बाजार में निवेश करें मगर जानते नहीं कि क्या करें और कैसे करें तो आज हम आपको कुछ टिप्स देते हैं:
Sabse पहले शेयर  निवेश से पहले किसी अच्छे  एक्सपर्ट से ज्यादा से ज्यादा
टिप्स से दूर रहें: आप भी कहेंगे कि यह क्या घालमेल है। साथ ही कह रहे हैं कि मैं आपको टिप्स देता हूं और साथ ही कह रहें हैं कि टिप्स से दूर रहें। वास्तव में मैं आपको किन कंपनियों के शेयरों में निवेश करें ऐसे टिप्स नहीं देने वाला। यहां मैं आपको यह बता रहा हूं कि कैसे शेयर बाजार में निवेश करें। तो सबसे पहली बात मित्रों, रिश्तेदारों और ब्रोकरों के बताये टिप्स पर अथवा बाजार मैं फैली अफवाहों के आधार पर निवेश न करें। यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है।

स्वयं को शिक्षित करें: बैलेंश शीट तथा कंपनियों के नतीजों को पढ़ना और समझना सीखें।  यदि आपकी शिक्षा कॉमर्स स्ट्रीम से नहीं है तो थोड़ा और अधिक सावधान रहें। बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें। नियमित रूप से इक्नॉमिक टाइम्स जैसे समाचार पत्र पड़ें और CNBC आवाज जैसे चैनल देखें। इसके अलावा इंटरनेट पर निवेश संबधी जानकारियां एकत्रित करें। जब आपको बाजार के बारे में आत्मविश्वास जागने लगे तो भी निवेश करने से पहले दो तीन कंपनियों को चुन लें जहां आपको लगे कि निवेश करना सही रहेगा। उसके बाद उन कंपनियों के भावों पर नियमित नजर रखें। कम से कम एक महीना अपनी इन कंपनियों पर नजर रखें। यदि लगे कि आपका चुनाव सही था तो आप बाजार में जाने के बारे में सोच सकते हैं।

शुरुआत कम पूंजी से करें: शुरुआत में नाम मात्र का निवेश करें और अनुभव प्राप्त  करें। एकदम से बड़ी रकम दांव पर न लागायें। वैसे भी बाजार में एक साथ बड़ा निवेश करने से बचना चाहिये और अपनी पूंजॊ का एक एक हिस्सा नियमित रूप से निवेश करना चाहिये।

यह टिप्स आपको कैसे लगे अवश्य बतायें तथा अगले लेख में और टिप्स की प्रतीक्षा करें

शेयर बाजार में निवेश- Investment in Shares-II

संकल्प की शक्ति - Hindi motivet kahani



बहुत समय पहले की बात है. जापान में एक युवा समुराई रहता था जो अपनी मंगेतर से बहुत प्रेम करता था. एक दिन जब उसकी मंगेतर जंगल से गुज़र रही थी, तब एक आदमखोर बाघ ने उसपर प्राणघातक हमला कर दिया. समुराई ने अपनी प्रेयसी को बचाने के भरसक प्रयास किए उसकी मृत्यु हो गई.
दुःख में आकंठ डूबे समुराई ने यह संकल्प लिया कि वह अपनी प्रिया की असमय मृत्यु का प्रतिशोध लेगा और उस बाघ को खोजकर खत्म कर देगा.

इस प्रकार समुराई अपने धनुष-बाण लेकर गहरे जंगल में चला गया और बहुत लंबे समय तक उस बाघ की खोज करता रहा. एक दिन उसे वह एक बाघ कुछ दूरी पर सोता दिखाई दिया. समुराई उसे देखकर समझ गया कि उसी बाघ ने उसकी प्रेयसी के प्राण लिए थे.

उसने अपना धनुष उठाया और निशाना लगाकर बाण छोड़ दिया. बाण बिजली की गति से छूटकर बाघ के शरीर को भेद गया. प्रत्यंचा पर दूसरा बाण चढ़ाकर वह बाघ की मृत्यु सुनिश्चित करने के लिए सतर्कतापूर्वक उसकी ओर बढ़ा… लेकिन वह यह देखकर अचंभित था कि उसके तीर ने किसी बाघ को नहीं बल्कि उसके जैसे दिखनेवाले धारीदार पत्थर को भेद दिया था!

इस घटना का बाद गांव में हर ओर उसकी धनुर्विद्या की चर्चा थी… कि उसने किस तरह एक पत्थर को तीर से भेद दिया, और लोग उसकी परीक्षा लेना चाहते थे.

लेकिन अनेक बार प्रयास करने के बाद भी समुराई के तीर चट्टानों और पत्थरों से टकराकर टूटते रहे. वह उन्हें भेदने का करिश्मा दुहरा नहीं सका.

क्योंकि इस बार समुराई जानता था कि वह पत्थर पर तीर चला रहा है. विगत में उसका संकल्प इतना गहन था कि वह वास्तव में पत्थर को तीर से भेद सका. परिस्तिथियों के बदलते ही उसका अद्भुत कौशल लुप्त हो गया.


जाने कैसा रहेगा आज आपका दिन दैनिक राशिफल द्वारा



दैनिक राशिफल

राशि फलादेश
मेष
संघर्ष के कारण आपका अनुमान ठीक नहीं निकलेगा। सामाजिक कार्यों में सीमित रहें। आर्थिक हानि का योग है। विरोधी नुकसान पहुँचाएंगे।


राशि फलादेश
वृष
किसी विशिष्ट जन का परामर्श वाहन के सुखद योग हैं। परिवार में सौहार्दपूर्ण माहौल रहेगा। दिन पिछले कार्य में प्रगतिकारक योग बनाएगा।


राशि फलादेश
मिथुन
व्यर्थ समय नष्ट न करें। संतुलन की मनःस्थिति आपके पारिवारिक जीवन में सफलता प्रदान करेगी। आलस्य एवं प्रमाद से दूर रहें।


राशि फलादेश
कर्क
व्यापार अच्छा चलेगा। राजकीय क्षेत्र में परिवर्तन से अनुकूलता बनेगी। रचनात्मक कार्यों में व्यस्तता बढ़ेगी। व्यापार अच्छा चलेगा।


राशि फलादेश
सिंह
व्ययकारी योग बनेंगे। आपकी योजना सफल होगी। पारिवारिक सुख-शांति के कारण मन में उत्साह रहेगा। कोर्ट-कचहरी के कार्यों में सफलता मिलेगी।


राशि फलादेश
कन्या
जोखिम के कामों से दूर रहना चाहिए। अध्ययन-अध्यापन में मन लगेगा। आजीविका की ओर विशेष ध्यान दें। व्यापार में उतार-चढ़ाव आएंगे।


राशि फलादेश
तुला
आय-व्यय बराबर रहेंगे। शांति एवं दूरदर्शिता से कार्य करें। परिवार में किसी तनाव की आशंका रहेगी। महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करेंगे।


राशि फलादेश
वृश्चिक
व्यापार में स्थिति उत्साहवर्धक रहेगी। प्रयत्न करने पर रुका पैसा मिल सकता है। व्यर्थ के दिखावे एवं आडंबरों से दूर रहें।


राशि फलादेश
धनु
व्यापार-व्यवसाय मध्यम रहेगा। कार्यों में विलंब व चिंता संभव है। प्रयत्नों का पूरा फल नहीं मिल पाएगा। जीवनसाथी से मतभेद हो सकते हैं।


राशि फलादेश
मकर
अच्छे और उत्साही मित्रों का संसर्ग लाभकारी रहेगा। आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। संतान से मनमुटाव हो सकता है।


राशि फलादेश
कुंभ
योजनाओं में सफलता मिलेगी। अधूरे काम समय से पूरे होने की संभावना है। सामाजिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी रहेगी।


राशि फलादेश
मीन
दूसरों की आलोचना से बचें। लेन-देन के मामलों को प्राथमिकता दें। कार्यक्षेत्र में आशातीत सफलता मिलेगी। कला के प्रति रुझान बढ़ेगा।

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Tuesday 28 April 2015

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प्रयास कभी भी ना छोड़े बेस्ट हिंदी मोटिवेशनल स्टोरी

प्रयास कभी भी ना छोड़े बेस्ट हिंदी मोटिवेशनल स्टोरी

एक लड़की कार चला रही थी और पास में उसके पिताजी बैठे थे.
राह में एक भयंकर तूफ़ान आया और लड़की ने पिता से पूछा -- अब हम
क्या करें?
पिता ने जवाब दिया -- कार चलाते रहो.
तूफ़ान में कार चलाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था,  तूफ़ान और भयंकर
होता जा रहा था.
अब मैं क्या करू ? -- लड़की ने पुनः पूछा.
कार चलाते रहो. -- पिता ने पुनः कहा.

थोड़ा आगे जाने पर लड़की ने देखा की राह में कई वाहन तूफ़ान
की वजह से रुके हुए थे......
उसने फिर अपने पिता से कहा -- मुझे कार रोक देनी चाहिए.......
मैं मुश्किल से देख पा रही हूँ.......
यह भयंकर है और प्रत्येक ने अपना वाहन रोक
दिया है.......

उसके पिता ने फिर निर्देशित किया -- कार रोकना नहीं. बस चलाते रहो....
अब तूफ़ान ने बहुत ही भयंकर रूप धारण कर लिया था किन्तु लड़की ने कार चलाना नहीं रोका..........
और अचानक ही उसने देखा कि कुछ साफ़ दिखने
लगा है.........
कुछ किलो मीटर आगे जाने के पश्चात लड़की ने देखा कि तूफ़ान थम
गया और सूर्य निकल आया......
अब उसके पिता ने कहा -- अब तुम कार रोक सकती हो और बाहर आ
सकती हो........
लड़की ने पूछा -- पर अब क्यों?
पिता ने कहा -- जब तुम बाहर आओगी तो देखोगी कि जो राह में
रुक गए थे, वे अभी भी तूफ़ान में फंसे हुए हैं......
चूँकि तुमने कार चलाने का प्रयत्न नहीं छोड़ा, तुम तूफ़ान के बाहर हो......

यह किस्सा उन लोगों के लिए एक प्रमाण है जो कठिन समय से गुजर रहे
हैं.........
मजबूत से मजबूत इंसान भी प्रयास छोड़ देते हैं........
किन्तु प्रयास कभी भी छोड़ना नहीं चाहिए.......
निश्चित ही जिन्दगी का कठिन समय गुजर जायेंगे और सुबह के सूर्य
की भांति चमक आपके जीवन में पुनः आयेगी.......!!!!!

जाने कैसे फायदा करता है हमारे शरीर के लिये सेंधा नमक



जाने कैसे फायदा करता है हमारे शरीर के लिये सेंधा नमक

प्राकृतिक नमक हमारे शरीर के लिये बहुत जरूरी है। इसके बावजूद हम सब घटिया किस्म का आयोडिन मिला हुआ समुद्री नमक खाते है। यह शायद आश्चर्यजनक लगे , पर यह एक हकीकत है ।

नमक विशेषज्ञ का कहना है कि भारत मे अधिकांश लोग समुद्र से बना नमक खाते है जो की शरीर के लिए हानिकारक और जहर के समान है । समुद्री नमक तो अपने आप मे बहुत खतरनाक है लेकिन उसमे आयोडिन नमक मिलाकर उसे और जहरीला बना दिया जाता है , आयोडिन की शरीर मे  अधिक मात्र जाने से नपुंसकता जैसा गंभीर रोग हो जाना मामूली बात है।

उत्तम प्रकार का नमक सेंधा नमक है, जो पहाडी नमक है । आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है।आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप ,डाइबिटीज़,लकवा आदि गंभीर बीमारियो का भय रहता है । इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है । इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है ।

ऐतिहासिक रूप से पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को 'सेंधा नमक' या 'सैन्धव नमक' कहा जाता है जिसका मतलब है 'सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ'। अक्सर यह नमक इसी खान से आया करता था। सेंधे नमक को 'लाहौरी नमक' भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापारिक रूप से अक्सर लाहौर से होता हुआ पूरे उत्तर भारत में बेचा जाता था।

भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनिया भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है ,उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली-भाली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है,

क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरबी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।
यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है । सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है। यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और

पाचन मे मदद करता है, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है। यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है । दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है ।

घर पर करे घुटने और कमर का आयुर्वेदिक इलाज



 घर पर करे घुटने और कमर का आयुर्वेदिक इलाज
   

घुटनों का दर्द - कमर का दर्द - बुखार का रामबाण गठिया या संधिपात की सबसे अच्छी दवा है मेथी, हल्दी और सुखा हुआ अदरक माने सोंठ , इन तीनो को बराबर मात्रा में पिस कर, इनका पावडर बनाके एक चम्मच लेना गरम पानी के साथ सुबहा खाली पेट तो इससे घुटनों का दर्द ठीक होता है, कमर का दर्द ठीक
होता है,  दो महिना ले सकता है ।

 एक और अच्छी दवा है , एक पेड़ होता है उसे हिंदी में हाड़सिंगार कहते है, संस्कृत मे पारिजात कहते है, बंगला में शिउली कहते है , उस पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और फूल की डंडी नारंगी रंग की होती है, और उसमे खुशबू बहुत आती है, रात को फूल खिलते है और सुबह जमीन में गिर जाते है । इस पेड़ के पांच पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस के चटनी बनाइये और एक ग्लास पानी में इतना गरम करो के पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके पियो तो बीस बीस साल पुराना गठिया का दर्द इससे ठीक हो जाता है.......
इसी पत्ते को पीस के गरम पानी में डाल के पियो तो बुखार ठीक कर देता है और जो बुखार किसी दवा से ठीक नही होता वो इससे ठीक होता है ; जैसे चिकनगुनिया का बुखार, डेंगू फीवर, Encephalitis , ब्रेन मलेरिया, ये सभी ठीक होते है......

 बुखार की और एक अच्छी दवा है अपने घर में तुलसी पत्ता ; 10-15 तुलसी के पत्ते तोड़ो, तीन चार काली मिर्च ले लो, इनको पत्थर में पीस के एक ग्लास गरम पानी में मिला के पी लो .. इससे भी बुखार ठीक होता है।.......

बुखार की एक और दवा है गिलोय, इसको अमृता भी कहते है,
उडूनची भी कहते है, इसको थोडासा चाकू से काट लो , पत्थर में कुचल के पानी में उबाल लो फिर वो पानी पी लेना तो ख़राब से
ख़राब बुखार ठीक हो जाता है 3 दिन में । कभी कभी बुखार जब
बहुत ज्यादा हो जाता है तब खून में श्वेत रक्त कनिकाएं , प्लेटलेट्स
बहुत कम हो जाते है तब उसमे सबसे ज़्यादा काम आती है ये..... गिलोय का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें....

शादी से पहले पूछे इन दस सवालों के जवाब



शादी से पहले पूछे इन दस सवालों के जवाब
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शादी दो लोगों के बीच प्‍यार, विश्वास और परस्‍पर तालमेल का रिश्‍ता है। इसलिए शादी से पहले कुछ महत्‍वपूर्ण सवालों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी होता है। आपको अपने होने वाले पार्टनर के स्‍वभाव के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि क्‍या वह शादी के लिए तैयार है और उसके लिए शादी का क्‍या महत्‍व है। अगर आपकी भी शादी होने वाली है तो कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण सवालों के जवाब अपने होने वाले पार्टनर से जरूर पूछ लेने चाहिए, ताकि शादी के बाद किसी भी तरह का पछतावा न हो। आइए ऐसे ही कुछ सवालों के बारे में जानें
शादी का महत्व
आजकल शादी से पहले लड़कों और लड़कियों को एक-दूसरे से बात करने का मौका मिलता है। इसलिए पहले ही सब सवालों के जवाब जान लेने चाहिए। इससे आपकी शादी की बुनियाद मजबूत हो जाती है। इसके लिए आप सबसे पहले स्‍वयं और अपने साथी से भी पूछिए कि वह शादी क्‍यों करना चाहता हैं। शादी का उसके जीवन में क्‍या महत्‍व है।

किसी तरह का दबाव तो नहीं है-----
क्‍या आपका साथी अपनी मर्जी से शादी कर रहा है या फिर उस पर कोई दबाव है। यह जरूर जान लें कि वह अपनी शादी से खुश तो है ना। साथ ही वह शादी के बाद आने वाली जिम्‍मेदारियों को निभाने के लिए मानसिक रूप से तैयार है अथवा नहीं, इस सवाल का जवाब भी जरूर पता करें।

अतीत से जुड़ें सवाल------
शादी की जिम्‍मेदारियां निभाने के लिए आपसी संबंधों का अच्‍छा होना जरूरी है। इसके लिए अपने अंदर उठने वाले सवालों के जवाब अपने होने वाले साथी से जरूर लें। आमतौर पर शादी से पहले ज्‍यादातर सभी एक-दूसरे के अतीत के बारे में जानना चाहते हैं। वह अपने उठने वाले इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं कि क्‍या उनका कोई से ब्वॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड तो नहीं था या है।

आर्थिक जिम्मेदारियों के बारे में सवाल---------
अच्‍छी लाइफस्‍टाइल के लिए पैसा बहुत जरूरी है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए अपने भावी साथी से उनकी आर्थिक स्थिति पर बात करना न भूलें। साथ ही यह भी जान लें कि वह भविष्य में आर्थिक जिम्मेदारियों को कैसे पूरा करेगा। जिससे शादी के बाद कोई समस्या न आए।

घर-गृहस्थी से जुड़ें सवाल------
पार्टनर से इस बारे में भी सवाल करें कि वह घर-गृहस्थी को कैसे संभालेगा। इस बारे में उसके मन में क्या विचार हैं? इसके अलावा साथी की परिवार नियोजन के विषय में क्या राय है। हनीमून को लेकर और भविष्‍य में बच्चों को लेकर उनकी क्या योजना है।

शादी और रोमांस से जुड़ें सवाल------
शादी और रोमांस से जुड़ें सवाल भी सगाई होने से पहले पूछ लेने चाहिए, ताकि भविष्‍य में कोई परेशानी न हो। आप उनसे पूछिये कि शादी से पहले रोमांस और सेक्‍स के के बारे में आपका साथी क्या सोचता है। इसके अलावा उसके दोस्‍तों से कैसे संबंध है इसके बारे में भी जानकारी ले। यह जाने कि क्या‍ वह शादी के बाद भी दोस्तों से वैसे ही संबंध बनाए रखेगा, क्या दोस्तों के घर आना-जाना पहले की तरह होगा।

रूचियों के बारे में जानें------
शादी से पहले अपने भावी साथी की रूचियों को जानने की कोशिश करें। जाने कि उसे किस तरह की बातें पसंद है, उसकी किन-किन चीजों में रूचि है, क्‍या उसे घूमना पसंद है, क्‍या उसे डेटिंग और रोमांस पसंद है या फिर वह गंभीर प्रवृत्ति का इंसान है, ऐसी सब बातें जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।

जिन्दगी में कभी हार मत मानो - Do not ever give up in life ...



बहुत समय पहले की बात है, किसी गाँव में एक किसान रहता था . उसके पास बहुत सारे जानवर थे , उन्ही में से एक गधा भी था . एक दिन वह चरते चरते खेत में बने एक पुराने सूखे हुए कुएं के पास जा पहुचा और अचानक ही उसमे फिसल कर गिर गया . गिरते ही उसने जो...र -जोर से चिल्लाना शुरू किया -” ढेंचू-ढेंचू ….ढेंचू-ढेंचू….”उसकी आवाज़ सुन कर खेत में काम कर रहे लोग कुएं के पास पहुचे, किसान को भी बुलाया गया .किसान ने स्थिति का जायजा लिया , उसे गधे पर दया तो आई लेकिन उसने मन में सोचा कि इस बूढ़े गधे को बचाने से कोई लाभ नहीं है और इसमें मेहनत भी बहुत लगेगी और साथ ही कुएं की भी कोई ज़रुरत नहीं है , फिर उसने बाकी लोगों से कहा , “मुझे नहीं लगता कि हम किसी भी तरह इस गधे को बचा सकते हैं अतः आप सभी अपने-अपने काम पर लग जाइए, यहाँ समय गंवाने से कोई लाभ नहीं.”और ऐसा कह कर वह आगे बढ़ने को ही था की एक मजदूर बोला,” मालिक , इस गधे ने सालों तक आपकी सेवा की है , इसे इस तरह तड़प-तड़प के मरने देने से अच्छा होगा की हम उसे इसी कुएं में दफना दें .”किसान ने भी सहमती जताते हुए उसकी हाँ में हाँ मिला दी.” चलो हम सब मिल कर इस कुएं में मिटटी डालना शुरू करते हैं और गधे को यहीं दफना देते हैं”, किसान बोला. गधा ये सब सुन रहा था और अब वह और भी डर गया , उसे लगा कि कहाँ उसके मालिक को उसे बचाना चाहिए तो उलटे वो लोग उसे दफनाने की योजना बना रहे हैं . यह सब सुन कर वह भयभीत हो गया , पर उसने हिम्मत नहीं हारी और भगवान् को याद कर वहां से निकलने के बारे में सोचने लगा ….अभी वह अपने विचारों में खोया ही था कि अचानक उसके ऊपर मिटटी की बारिश होने लगी, गधे ने मन ही मन सोचा कि भले कुछ हो जाए वह अपना प्रयास नहीं छोड़ेगा और आसानी से हार नहीं मानेगा। और फिर वह पूरी ताकत से उछाल मारने लगा .किसान ने भी औरों की तरह मिटटी से भरी एक बोरी कुएं में झोंक दी और उसमे झाँकने लगा , उसने देखा की जैसे ही मिटटी गधे के ऊपर पड़ती वो उसे अपने शरीर से झटकता और उछल कर उसके ऊपर चढ़ जाता .जब भी उसपे मिटटी डाली जाती वह यही करता ….झटकता और ऊपर चढ़ जाता …. झटकता और ऊपर चढ़ जाता ….किसान भी समझ चुका था कि अगर वह यूँ ही मिटटी डलवाता रहा तो गधे की जान बच सकती है .फिर क्या था वह मिटटी डलवाता गया और देखते-देखते गधा कुएं के मुहाने तक पहुँच गया, और अंत में कूद कर बाहर आ गया.मित्रों, हमारी ज़िन्दगी भी इसी तरह होती है , हम चाहे जितनी भी सावधानी बरतें कभी न कभी मुसीबत रुपी गड्ढे में गिर ही जाते हैं .पर गिरना प्रमुख नहीं है,प्रमुख है संभलना . बहुत से लोग बिना प्रयास किये ही हार मान लेते हैं , पर जो प्रयास करते हैं भगवान् भी किसी न किसी रूप में उनके लिए मदद भेज देता है।

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जानने के लिए यहाँ क्लिक करे



पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जानने के लिए यहाँ क्लिक करे 

उदर-वायु एक आम तथा कभी न कभी हर किसी को होने वाली समस्या है। पेट गैस को अधोवायु बोलते हैं। यह तब होती है जब शरीर में भारी मात्रा मे गैस भर जाती है। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जिसके बारे में हम यहां आज चर्चा करेगें।

कारण-

बैक्टीरिया का पेट में ओवरप्रोडक्शन होना ।

जिस आहार में बहुत ज्यादा फाइबर होता है।

मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से।

पाचन संबधी विकार

बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से। खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक लेने से क्योंकि इसमें गैसीय तत्व होते हैं। इसके साथ बासी खाना खाने से और खराब पानी पीने से भी गैस हो जाती है।

घरेलू उपचार-

* भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाए तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।

* 1/2 चम्मच सूखा अदरक पाउडर [सौंठ] लें और उसमें एक चुटी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कप गरम पानी में डाल कर पीएं।

* गैस के कारण सिर दर्द होने पर चाय में पिसी कालीमिर्च डालें। वही चाय पीने से लाभ मिलता है।

* कुछ ताजा अदरक स्लाइस की हुई नींबू के रस में भिगो कर भोजन के बाद चूसने से राहत मिलेगी।

* पेट में या आंतों में ऐंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।

*भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानो को 1/2 चम्मच पानी के साथ मिला कर पिएं।

* वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए।

* अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरंत बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।

* अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।

योग
वज्रासन : खाने के बाद घुटने मोड़कर बैठ जाएं। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें।
गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।–

क्यों जरूरी है ब्रेकफास्ट - जाने इसके फायदे



संजना को सुबह उठने में रोज देर हो जाती है। जाहिर है, देर से उठने के बाद हर काम के लिए वह लेट हो चुकी होती है। बस, वह यही सोचती है कि उसे ऑफिस ठीक साढ़े नौ बजे पहुंचना है, वरना वह नौकरी से हाथ धो बैठेगी। वह तेज गति से जैसे-तैसे तैयार होती है। बैग उठाया और सीधे गाड़ी में सवार। ऑफिस तो वह रोज समय से पहुँच जाती है, पर इस भागा-दौड़ी में उसका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है और इसकी खास वजह है सुबह का नाश्ता न करना।

  ब्रेकफास्ट के लिए टाइम नहीं बचता, यह दलील वह पिछले पांच वर्षो से देती आ रही है। जाने-अनजाने ब्रेकफास्ट न करना उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत घातक है। घड़ी की सुइयों की नोक पर टिकी रीना की जिंदगी में बहुत से ऐसे काम हैं जो छूटते जा रहे हैं। अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही भी उनमें से एक है।

बढ़ती प्रवृत्ति

महानगरों या शहरों में यह कहानी सिर्फ सीमा की नहीं है, बल्कि अधिकतर कामकाजी स्त्रियों की है। क्यों छूट रही है नाश्ते की आदत? महानगरों के तेज रफ्तार जीवन को देखते हुए यह बात और भी स्पष्ट हो जाती है कि परंपरागत रूप से दिनचर्या में शामिल होने वाले कामों की सूची अब आधी से भी कम रह गई है। सूर्य नमस्कार, पेड़-पौधों को जल डालना, पूजा-अर्चना की बातें तो इतिहास बन ही चुकी हैं, जिंदगी की तेज रफ्तार ने बे्रकफास्ट या सुबह के नाश्ते जैसी स्वास्थ्य के लिए जरूरी चीज को भी पीछे छोड़ दिया है। महानगरों में लगभग 40 प्रतिशत वयस्क सुबह का नाश्ता बिना किए घर छोड़ते हैं।
 
   नाश्ता न करने के दो मुख्य कारण होते हैं- समय की कमी या डाइटिंग। पुरुष जहां समय की कमी के कारण चाहते हुए भी नाश्ता नहीं कर पाते, स्त्रियाँ मुख्यत: स्वैच्छिक रूप से नाश्ता नहीं करतीं, क्योंकि वे डाइटिंग कर रही होती हैं। या फिर ऑफिस जल्दी पहुँचने के चक्कर में वे नाश्ते को प्राथमिकता नहीं देतीं। कुछ स्त्रियाँ तो पाश्चात्य संस्कृति की दुहाई देते हुए ब्रेकफास्ट न करने को बहुत आधुनिक समझती हैं।

क्या है ब्रेकफास्ट

ब्रेकफास्ट अंग्रेजी का शब्द है जो दो शब्दों को जोड़कर बना है- ब्रेक (तोड़ना)+फास्ट (उपवास) यानी ऐसा भोजन, जो उपवास को तोड़ता है। शाब्दिक अर्थ अपने आप में महत्वपूर्ण तथ्य लिए है, जिसका स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। भारतीय परंपरा में भी सुबह के नाश्ते को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि नाश्ता शरीर द्वारा रखे गए रात भर के उपवास को सुबह तोड़ता है और शरीर को दिन भर कार्य करने की क्षमता व ऊर्जा प्रदान करता है। ऐसे में कामकाजी स्ति्रयों के लिए यह बहुत जरूरी है कि दफ्तर जाने से पहले वह नाश्ता कर लें, ताकि दिन भर काम के लिए उनको उचित ऊर्जा मिले।

वैज्ञानिक तथ्य

वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, मनुष्य का मैटाबॉलिज्म रेट, यानी शरीर की वह क्रिया जिससे भोजन जीवित पदार्थो में बदल जाता है, सोते वक्त धीमी हो जाती है और शरीर में जमा कैलोरीज बहुत धीरे जलती हैं। जबकि मनुष्य की जागृत अवस्था में यही क्रिया तेज गति से होती है और कैलोरीज भी जल्दी जलती हैं, जिससे शरीर स्फूर्तिमय रहता है। यह एक भ्रामक धारणा है कि ऐसा न करने से कैलोरीज घटती हैं। सच तो यह है कि ब्रेकफास्ट न करने से शरीर में वसा का बढ़ना शुरू हो जाता है क्योंकि शरीर का मौलिक मैटाबॉलिक रेट तथा ऊर्जा अत्यंत कम हो जाती है।

  रात भर सोने के बाद जब आप सुबह उठती हैं तो शरीर प्राप्त संकेतों के अनुसार कार्य करना शुरू कर देता है। मस्तिष्क शरीर के मैटाबॉलिज्म के अनुसार संकेत लेता है और शरीर की गतिविधियों के अनुसार इच्छित व सही बदलाव शरीर में लाता है। यदि आप सुबह के समय सुस्ती या आलस्य महसूस करती हैं तो बहुत संभव है कि दिन भर आपकी कैलोरीज जलने की मात्रा बहुत कम होगी।

घातक है नाश्ता न करना

ब्रेकफास्ट न करने से शरीर में कैलोरीज का जमाव होता रहता है। कभी-कभी सुबह भूख न लगने के कारण नाश्ता करने की इच्छा नहीं होती और बहुत से लोग इसी वजह से नाश्ता नहीं करते। पर ऐसा करने से शरीर में मैटाबॉलिज्म धीमा होने के कारण कैलोरीज जलने के बजाय शरीर में जमा होती रहती हैं। कैलोरीज का जमा होना यानी चर्बी का बढ़ना। जो स्त्रियाँ खुद को फिट रखने की या पतला होने की इच्छा से ब्रेकफास्ट नहीं करतीं, दरअसल उनकी यह आदत उनके उद्देश्य की विपरीत दिशा में कार्य कर रही होती है।

   यदि नाश्ता न करने के कारण या किसी अन्य वजह से आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं तो शरीर इस अवस्था को भूख से ग्रस्त स्थिति समझ लेता है। शरीर की ऊर्जा शरीर द्वारा अत्यंत कम मात्रा में ग्रहण की जाती है और इसका दुष्परिणाम यह होता है कि आपकी इच्छा वसायुक्त भोजन करने की होती है। अत: ब्रेकफास्ट न करने से जो कैलोरीज या शक्ति शरीर के अंदर नहीं गई थी, वह दोपहर के भोजन या लंच द्वारा दुगनी मात्रा में या उससे भी अधिक मात्रा में (वसायुक्त भोज्य पदार्थो के खाने से) शरीर में पहुँच जाती है। अत: डाइटिंग का असर शरीर के अनुकूल होने के बजाय प्रतिकूल होता है। इसके विपरीत, 'ब्रेकफास्ट में यदि आपने कम वसा वाला भोजन लिया है तथा मैटाबॉलिज्म को बढ़ाने वाले प्रोटीन से भरपूर चीजें खाई हैं, जैसे बिना मलाई वाला दूध, कम वसा वाली चीज या दही, तो लंच में बहुत ज्यादा खाने की इच्छा स्वत: ही खत्म हो जाएगी,' ऐसा कहना है डाइटीशियनस का....

शरीर के लिए जरूरी है

आहार विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेकफास्ट करने का अर्थ है, शरीर को दिन भर गतिशील और आलस्य से दूर रखना, ताकि शरीर व मस्तिष्क द्वारा किए गए काम सुचारु रूप से किए जा सकें। यदि आप सुबह बे्रकफास्ट नहीं करती हैं तो शरीर को पर्याप्त ईधन नहीं मिलता और बार-बार कुछ न कुछ खाने की इच्छा उत्पन्न होती रहती है, जो आमतौर पर लोगों की आदत बन जाती है।

   इस आदत के शिकार लोगों का स्वास्थ्य प्राय: ठीक नहीं रहता और वे अधिकांशत: ज्यादा वजन वाले होते हैं। जबकि दिन में तीन मुख्य भोजन बे्रकफास्ट, लंच व डिनर करने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य सामान्य व अच्छा होता है। इन भोजनों के बीच कुछ तरल खाद्य पदार्थो का सेवन जैसे चाय, कॉफी, जूस आदि उतना हानि नहीं पहुँचाते, जितना स्नैक्स पहुँचाते हैं। यह भी सच है कि ब्रेकफास्ट में आपने क्या खाया है, इसका असर आपकी दिनचर्या पर भी पड़ता है। यदि आप ताजा और पौष्टिक नाश्ता करती हैं तो दिन भर आप स्वस्थ और स्फूर्ति से भरपूर रहेंगी। ऐसे में सुबह घर से निकलने से पहले पौष्टिक नाश्ता करना आवश्यक है। ब्रेकफास्ट करने वाले व्यक्तियों का वजन न करने वालों की अपेक्षा तो कम होता ही है, साथ ही रक्तचाप का स्तर भी ऐसे व्यक्तियों का सामान्य पाया गया है।

क्या कहती हैं आहार विशेषज्ञा

आहार विशेषज्ञ ब्रेकफास्ट करने की सलाह इसलिए देते हैं क्योंकि इससे दिन की शुरुआत स्फूर्तिमय होती है। शरीर की रासायनिक प्रक्रिया को भली-भांति समझते हुए ही डॉक्टरों व आहार विशेषज्ञों द्वारा ऐसी राय दी जाती है, 'लिवर या यकृत सुबह के वक्त अपनी शक्ति ईधन ग्लाइकोजन से लगभग 75 प्रतिशत वंचित रहता है। लिवर को यह ईधन ग्लूकोज से प्राप्त होता है। अपनी क्षतिपूर्ति के लिए लिवर यह ग्लूकोज मांसपेशियों के प्रोटीन से प्राप्त करना चाहता है। मांसपेशियों के प्रोटीन को बचाने के लिए जरूरी है कि सुबह शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पहुंचा दी जाए, ताकि लिवर को ग्लाइकोजन मिल सके।

   ऐसा करने से मस्तिष्क भी बेहतर काम करता है क्योंकि मस्तिष्क को जटिल कार्यो को करने में ग्लूकोज की आवश्यकता होती है। संक्षेप व सरल भाषा में यह कहा जा सकता है कि यदि ब्रेकफास्ट में कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन किया जाए तो आप दिन भर न थकान महसूस करेंगी और न ही सुस्ती। साथ ही एकाग्रचित्त होकर काम भी कर पाएंगी।'

क्या खाएं क्या नहीं

सुबह ब्रेकफास्ट करना अच्छा ही नहीं आवश्यक है, यह बात तो स्पष्ट हो जाती है, पर यह जानना भी जरूरी है कि ब्रेकफास्ट कैसा हो। हलका, पौष्टिक तथा संतुष्टिदायक ब्रेकफास्ट स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा है। उत्तर भारत में प्रचलित व पसंदीदा नाश्ता परांठे, समोसे या तले हुए अन्य स्नैक्स होते हैं या फिर व्हाइट ब्रेड, उबले अंडे या बेकन, सैंडविच इत्यादि। डॉक्टरों की राय में दोनों ही प्रकार के नाश्ते स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं, क्योंकि इनमें तेल और चिकनाई की मात्रा अधिक होती है।

  आदर्श ब्रेकफास्ट में ताजे फल, गेहूं का बे्रड या हलके वसायुक्त मक्खन वाले टोस्ट या मार्जरिन होते हैं। जैम के साथ टोस्ट, मलाई रहित दूध के साथ कोई भी सीरियल (कार्नफ्लेक्स आदि), ताजे फलों का रस, अंकुरित अनाज, उबले या पोच्ड अंडे और नारियल पानी होना चाहिए। यदि वजन को नियंत्रित करने के लिए आप ब्रेकफास्ट नहीं करतीं तो यह ठीक नहीं है। वजन कम करने वाले लोगों को भी ब्रेकफास्ट करना चाहिए, बस इस बात का ध्यान रखें, उसमें 10 ग्राम से अधिक वसा की मात्रा न हो। दिन में भोजन कम मात्रा में करें लेकिन ब्रेकफास्ट जरूरी है।
 
   बेहतर होगा किसी डाइटीशियन या न्यूट्रीशनिस्ट की सलाह से ब्रेकफास्ट चार्ट तैयार करें जिससे हर भोजन से मिलने वाली कैलोरीज, वसा, प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट व खनिज पदार्थो की सही मात्रा आपको पता लग सके.......

Monday 27 April 2015

जो आज करोगे वो 'आपका कल' बन सामने होगा



क्या गुजरी होगी उस बुढ़ी माँ के दिल पर जब उसकी बहु ने कहा -:
"माँ जी, आप अपना खाना बना लेना, मुझे और इन्हें आज एक पार्टी में जाना है ...!!"

बुढ़ी माँ ने कहा -: "बेटी मुझे गैस चुल्हा चलाना नहीं आता ...!!"

तो बेटे ने कहा -: "माँ, पास वाले मंदिर में आज भंडारा है , तुम वहाँ चली जाओ ना खाना बनाने की कोई नौबत ही नहीं आयेगी....!!!"

माँ चुपचाप अपनी चप्पल पहन कर मंदिर की ओर हो चली.....
यह पुरा वाक्या 10 साल का बेटा रोहन सुन रहा था ।

पार्टी में जाते वक्त रास्ते में रोहन ने अपने पापा से कहा -:

"पापा, मैं जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ना तब मैं भी अपना घर किसी मंदिर के पास
ही बनाऊंगा ....!!!

माँ ने उत्सुकतावश पुछा -: क्यों बेटा ?
रोहन ने जो जवाब दिया उसे सुनकर उस बेटे और बहु का सिर शर्म से नीचे झुक गया जो अपनी माँ को मंदिर में छोड़ आए थे.....

रोहन ने कहा -: क्योंकि माँ, जब मुझे भी किसी दिन ऐसी ही किसी पार्टी में जाना होगा
तब तुम भी तो किसी मंदिर में भंडारे में खाना खाने जाओगी ना और मैं नहीं चाहता कि तुम्हें कहीं दूर के मंदिर में जाना पड़े....!



अनिद्रा की समस्या को दूर करते है - संतरे के छिलके



जब हम संतरे को खाते हैं तो सामानयत: हम उसके छिलके को फेंक देते हैं या उसके छिलके का उपयोग एक दूसरे की आंखों में डालने व रुलाने के लिए मस्ती में करते हैं जो एक तरह से एक उपयोगी चीज का नुकसान करना ही कहलाएगा। जी हां आपको ये सुनकर आश्चर्य जरूर हो रहा होगा लेकिन यह सच है।
संतरे का छिलका इतना उपयोगी है कि जब आप इसके गुण जान जाएंगे तो कभी इसके छिलके फेंकना नहीं चाहेंगे।


बालों को खूबसूरत बनाता है-
अगर आपके बाल एकदम रफ और बेजान दिखाई देते हैं तो संतरे के छिलके आपके लिए वरदान साबित हो सकते हैं। संतरे के छिलकों को पीसकर बालों में लगाकर कुछ देर रखें और फिर बाल धो लें। बाल चमकीले और मुलायम हो जाएंगे। संतरे के छिलकों को पीस कर उसमे गुलाब जल मिलाकर चहरे पर लगाने से दाग व धब्बे मिटते हैं।

स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं-
संतरे के छिलके में क्लीजिंग, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो कि पिंपल और एक्ने से लडऩे में सहायक होते हैं। संतरे के छिलके को सुखाकर पीसकर उसे दही मिलाकर स्किन पर लगाने से स्किन ग्लोइंग व स्मूथ बनती है। संतरे के छिलकों को बेसन में मिलाकर लगाना ऑइली स्किन वालों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है और पिंपल्स को खत्म कर देता है।

कोलेस्टॉल के रोगियों के लिए फायदेमंद है -
एक अध्ययन के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को कोलेस्ट्रॉल की प्रॉब्लम हो तो ऐसे में संतरे के छिलके उपयोगी साबित हो सकते हैं। संतरे के छिलको में ऐसा गुण पाया जाता है जिससे उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर है जो मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों को फायदा हो सकता है। साथ ही ये कैंसर व हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याओं में भी विशेष रूप से लाभदायक है।

पाचन शक्ति बढ़ाता है-
इसके छिलके में पाचनशक्ति बढ़ाने की क्षमता होती है। यह पाचन में सुधार, गैस, उल्टी, हार्ट बर्न और अम्लीय डकार को दूर करने में मदद करता है। यह भूख बढाता है और मतली से राहत दिलाने का काम करता है साथ ही संतरे का छिलका कृमि का नाश करने वाला व बुखार को मिटाने वाला भी होता है। इसलिए इन सभी रोगों के रोगियों को संतरे का छिलका पीसकर खिलाने पर फायदा होता है।

अनिद्रा की समस्या को दूर करता है-
नारंगी के छिलके में एक विशेष प्रकार की गंध वाला तेल पाया जाता है। जी हां नारंगी के छिलके में एक विशेष प्रकार की गंध वाला तेल पाया जाता है। इस तेल का उपयोग तंत्रिकाओं को शांत करने व गहरी नींद के लिए किया जाता है। नहाने के पानी में इसका दो से तीन बूंद तेल डालिए और फिर देखिए कितनी मीठी नींद आती है।

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शेयर बाजार में कैसे करें निवेश की शुरुआत













दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफेट का कहना है, 'जब सभी लोगों को डर और आशंका सता रही है तो आपको लालची बनना चाहिए और जब सभी लोग लालची और अवसरवादी दिखें तो आपको सतर्कता और डर के साथ काम करना चाहिए।

इक्विटी मार्केट में कैसे करें निवेश की शुरुआत और कैसे बनाएं अपना मजबूत पोर्टफोलियो आइए जानते हैं

इक्विटी निवेश के लिए बैंक एकाउंट, डीमैट एकाउंट, ट्रेडिंग एकाउंट होना चाहिए। इक्विटी में आईपीओ, सेकेंडरी मार्केट या म्युचुअल फंड के जरिए निवेश किया जा सकता है। आईपीओ या लिस्टेड शेयर में निवेश करने से पहले निवेशकों को रिसर्च करके खुद की समझ से कंपनी के परफॉर्मेंस, मैनेजमैंट को देखकर निवेश करना चाहिए।

शेयर बाज़ार में निवेश से पहले मदद लें
निवेश की की शुरुआत में कई लोग आपके मददगार साबित होंगे। आप वित्तीय योजनाकार या फाईनेन्शियल एडवाइज़र (financial advisior) की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप निवेश को लेकर इंटरनेट पर रिसर्च (खोज) कर सकते हैं। इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट्स हैं जहाँ आपको काफी जानकारी मिल सकती है।

अपनी मदद खुद कीजिए
यदि आप निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो इंटरनेट पर आपको मुफ्त में कई जानकारियां मिल जाएंगी। इस तरह आप अपनी मदद खुद कर सकते हैं, और एक कुशल निवेशक बन सकते हैं। आपके पास जितनी ज़्यादा जानकारी होगी, उतने ही सफल निवेशक बन सकेंगे। निवेश की जानकारी आपको सार्वजनिक पुस्तकालय (लाइब्रेरी), मैगज़ीन्स (पत्रिका), अख़बारों और किताबों की दुकान के जरिए इकट्ठा करनी चाहिए।

शेयर ब्रोकर की मदद लें
शेयर ब्रोकर को लाइसेंस मिला होता है कि वे शेयर मार्केट में किसी का शेयर खरीद या बेच सकते हैं। वे आपको बाज़ार की स्थिति के बारे में बताएंगे, ताकि आप ये निर्णय ले सकें कि लंबी अवधि के लिए निवेश का लक्ष्य कैसे तय किया जाए। जब आपका शेयर खरीदा या बेचा जाता है उस पर शेयर ब्रोकर कुल क़ीमत का कुछ हिस्सा लेता है। ये कमीशन कहलाता है।

वित्तीय सलाहकार से मदद लें
वित्तीय सलाहकार या फाइनेन्शियल एडवाइज़र (financial advisior) आपके पैसों को सही ढंग से निवेश करने में मददगार होते हैं। फाइनेन्शियल एडवाइज़र आपको आपकी ज़रूरत के मुताबिक सही इन्वेस्टमेंट की सलाह देंगे। इस काम के लिए वो आपसे फीस भी लेंगे।

प्रशिक्षण लें
अपने आसपास मौजूद उच्च शिक्षा संस्थानों का पता करें। निवेश से संबंधित कोर्स (पाठ्यक्रम) कई जगह कराए जाते हैं, ताकि आप अपने पैसों का सही इस्तेमाल करना सीख सकें। आप ऑनलाइन कोर्स भी कर सकते हैं।

अपना पोर्टफोलियो तैयार करें
निवेश के मामले में कुछ लोग बड़े जोखिम उठाने से नहीं घबराते, जबकि कुछ लोग सुरक्षा को ध्यान में रखकर निवेश करना पसंद करते हैं।
आपका पोर्टफोलियो निवेशों का संग्रह (कलेक्शन) है। आप निवेश में जोखिम कम कर सकते हैं अगर आपने अलग-अलग जगह या संपत्ति में निवेश किया हो। निवेश की शुरुआत करते वक्त दो बाते बहुत मायने रखती हैं। ये हैं - डायवर्सिफिकेशन और एसेट अलोकेशन।

सिंहस्थ २०१६ (कुम्भ) महापर्व उज्जैन



 उज्जैन धार्मिक अस्थाओ व परंपरा के सम्मलेन का एक अनूठा शहर जो कि न केवल भारत अपितु समस्त संसार कि धार्मिक अस्थाओ का केंद्र कहा जा सकता है यह वह पवित्र नगरी है जहा ८४ महादेव, सात सागर,९ नारायण ,२ शक्ति पीठो के साथ विश्व मै १२ जोतिलिंगो मै से एक राजाधिराज महाकालेश्वर विराजमान है यह वह पवन नगरी है जिसमें गीता जैसे महान ग्रन्थ के उद्बोधक श्री कृष्ण स्वयं शिक्षा लेने आए अपने पैरों कि धुल से पाषणों को भी जीवटी कर देने वाले प्रभु श्री राम स्वयम अपने पिता तर्पण करने शिप्रा तट पर आए यही वह स्थान है जो कि रामघाट कहलाता है इस प्रकार विश्व के एक मात्र राजा जिसने कि सम्पुर्ण भारत वर्ष के प्रत्यक नागरिक को कर्ज मुख्त कर दिया वह महान शासक विक्रमादित्य उज्जैन कि हि पवन भूमि पर जन्मे | पवन सलिला मुक्तिदायिनी माँ शिप्रा यही पर प्रवाहित होती है एवं विश्व का सबसे बड़ा महापर्व महाकुम्ब /सिंहस्थ मेला विश्व के ४ स्थान मै से एक उज्जैन नगर मै लगता है इस नगरी कि महात्मा वर्णन करना उतना हि कठिन है जितना कि आकाश मै तारा गानों कि गिनती करना जय श्री महाकाल !!!

 सिंहस्थ (कुम्भ) हमारी धार्मिक एवं आध्यात्मिक चेतना का महा पर्व है| सनातन कल से यह संसार का सबसे बढ़ा मेला कहा जा सकता है| पुराणोंमें कुम्भ पर्व मनाये जाने के संभंध में कई कथाएँ है| सबसेप्रामाणिक कथा समुद्र मंथन की है | देव और दानवों ने आपसी सहयोग से रत्नाकर आर्थात समुद्र के गर्भ में छिपी हूई अमूल्य सम्पंदा का दोहन करने का निश्चय किया | मंदराचल पर्वत को मथनी, क्चछप् को आधार एवं वासुकी नाग को मथनी की रस्सी बनाया| उसके मुख की तरफ दानव व पूंछ की तरफ देवतागण उसे पकडकर उत्साह के साथ समुद्र मंथन के कार्य में जुट गए| इन दोनों पक्षों की संगठनात्मक शक्ति के सामने समुद्र को झुखना पढ़ा | उसमे से कुल १४ बहुमूल वस्तुए, जिन्हें रत्न कहा गया, निकली| अंत में अमृत कुम्भ निकला | अमृत कलश को दानवों से बचाने के लिए देवताओं ने इसकी सुरक्षा का दायित्व बृहस्पति,चंद्रमा,सूर्य और शनि को सौप दिया|अमृत कलश प्राप्त हो जाने से चारो और प्रसन्ता का वातावरण छा गया| देवता एवं दानव दोनों अपनी अपनी थकावट भूल गए | देव एवं दानव दोनों पक्ष इस बात में उलझ गए की अमृत कुम्भ- (कलश) का कैसे हरण किया जावे| स्कन्दपुराण के अनुसार इन्द्र ने अपने युवा पुत्र जयंत को कलश लेकर भागने का संकेत दिया| इस चाल को दानव समझ गए| परिमाणस्वरूप देवता व दानवों में भयंकर संग्राम छिड़ गया| यह संग्राम १२ दिन तक चला | देवताओं का एक दिन मनुष्यों के एक वर्ष के बराबर होता है |आर्थात १२ वर्ष तक देव – दानवों का युद्ध चला | इस युद्ध में अमृत कुम्भ की छिना झपटी में मृत्युलोक में अमृत की कुछ बुँदे छलक पड़ी थी


 वे चार स्थान प्रधान तीर्थ हरिद्वार , प्रयाग, नासिक और उज्जैन है, इस संग्राम में दानवों ने इन्द्र पुत्र जयंत से अमृत कलश छुडाने का असंभव प्रयास किया था, किन्तु देवताओं में सूर्य ,गुरु और चंद्र के विशेष प्रयत्न से अमृत कलश सुरक्षित रहा और और भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर दानवों को भ्रमित करके सारा अमृत देवताओं में वितरित कर दिया था | सूर्य , चंद्रएवं गुरु के विशेष सहयोग से अमृत कलश सुरक्षित रहने के कारण इन्ही ग्रहों की विशिष्ट स्थितियों में कुम्भ पर्व मनाने की परम्परा है|

 यह धार्मिक मान्यता है की अमृत कलश से छलकी बूंदों से ये चारो तीर्थ और यहाँ की नदियॉं (गंगा, जमुना, गोदावरी, एवं क्षिप्रा ) अमृतमय हो गई है| अमृत कलश से हरिद्वार ,प्रयाग, नासिक, और उज्जैन में, अमृत बिंदु छलकाने के समय जिन राशियों में सूर्य,चंद्र एवं गुरु की स्थिति उस विशिष्ट योग के अवसर पर रहती है, तभी, वहाँ कुम्भ पूर्व इन राशियों में ग्रहों के योग होने पर ही होते है|

आपकी राशि और भाग्य रत्न..


मेष राशि :-- मेष राशि मंगल की राशि है. मेष राशि का व्यक्ति बुद्धि बल प्राप्त करने आत्मोन्नति, सन्तान सुख, प्रसिद्धि, राज्य कृपा के लिए माणिक्य धारण कर सकता है. सूर्य की महादशा में माणिक्य श्रेष्ठ फलदायक होता है.

वृष राशि :-- इस राशि के व्यक्ति को माणिक्य नहीं धारण करना चाहिए. क्योंकि यह रत्न वृष राशि के व्यक्ति के लिए सूर्य की महादशा, अंतर्दशा आदि गोचर में अशुभ फल देगा.

मिथुन राशि :-- मिथुन राशि के व्यक्ति को माणिक्य रत्न सिर्फ सूर्य की दशा में ही धारण करना चाहिए वैसे कभी भी धारण नहीं करना चाहिए.

कर्क राशि :- इस राशि के व्यक्ति को माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए. यह धन के अभाव को दूर करने में सहायक होगा. तथा आंखों के कष्ट में भी लाभकारी होगा.

सिंह राशि :-- इस राशि के व्यक्ति को माणिक्य अवश्य धारण करना चाहिए. शुभ फलदायक होगा. इस राशि वाले को जीवन भर माणिक्य लाभ ही लाभ प्रदान करेगा. इसे धारण करने से शत्रुओ पर विजय भी मिलती है. व मानसिक संतुलन बना रहता है. शारीरिक स्वास्थ तथा आत्मबल मिलता है.

कन्या राशि :-- उस राशि वालो को माणिक्य सदैव हानिकारक व कष्टकारी होगा. भयंकर दुर्घटना व नेत्र विकार से पीड़ित होने की संभावना बनी रहेगी.

तुला राशि :-- इस राशि वाले को केवल सूर्य की दशा में ही माणिक्य धारण करना चाहिए, जो कि लाभ के लिए शुभ होगा.

वृश्चिक राशि :-- इस राशि के व्यक्ति को माणिक्य धारण करना चाहिए क्योंकि यह राशि मंगल की है अत: धारण करने से राज्य कृपा, प्रतिष्ठा, नौकरी में सफलता प्राप्त होगी.

धनु राशि :-- इस राशि वाले को माणिक्य धारण करना शुभ होगा यह भाग्य की वृद्धि में सहायक होगा.

मकर राशि :-- इस राशि वाले को भूल कर भी मानिक्या नहीं धारण करना चाहिए. क्योंकि यह उसे शारीरिक कष्ट, रोग दुर्घटना आदि परेशानी दे सकता है.

कुम्भ राशि :-- ऐसे व्यक्ति को माणिक्य पहनना तो क्या इससे दूर दूर रहना चाहिए. वरना भारी हानि करेगा. पति या पत्नी दोनों के लिए हानिकारक रहेगा.

मीन राशि :-- इस राशि के व्यक्ति माणिक्य अपनी दशा सूर्य की दशा में धारण कर सकते है. जो रोगों से छुटकारा दिलवाने में सहायक सिद्ध होगा .......


पोस्ट की सजावट किस तरह से करें



प्रिय मित्र अब मैं आपको बताऊंगा की पोस्ट की सजावट कैसे करे. यह जानकारी लेने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें.


लाल घेरा लगा कर दिखाए गए टूलबारों से अपने पोस्ट की सजावट करें.



अब आप ऊपर दी गई पिक्चर से सजावट करने वाले बटनों की पहचान कर लें.

    पोस्ट के शुरू की दो - तीन लाइन लिखने के बाद "Insert jump break" लिखे हुए बटन पर क्लिक करें.
    B, I और U लिखें हुए बटन शब्दों को मोटा, तिरछा और शब्दों के निचे लाइन लगाने का काम करेंगे.
    Link लिखा हुआ बटन किसी वेबसाइट या लिसी पेज के एड्रेस से हाइपरलिंक बनाने के काम आता है.
    पिक्चर डालना और विडियो डालना लिखे हुए बटन से आप अपने ब्लॉग के पेज पर पिक्चर या विडियो डाल सकते है.

    Alignment लिखे हुए बटन से अपने पेज के टेक्स्ट या पिक्चर को Left, Right, Center या Justify कर सकते हो.
    लाइन नंबर या बुलेट बटन से आप अपने पेज की चुनी हुई लाइन के आगे नंबर या बुलेट लगा सकते हो.
    "सभी सजावट हटाना" लिखे बटन से आप अपने पेज के डाटा को सेलेक्ट करके सारी फोर्मेटिंग हटा सकते हो.

पहले इन सभी बटनों को इस्तेमाल करके देख ले. सभी बटनों का इस्तेमाल समझ आने के बाद पोस्ट लिखने में आसानी हो जाएगी. अब आप पोस्ट लिखने शुरू कर दें. प्रत्येक पोस्ट पूरा होने के बाद "Publish" लिखे बटन पर क्लिक करे. जब आपके पास 100 से ज्यादा पोस्ट हो जाएँ तो अपने ब्लॉग के लिए विज्ञापन लेने के लिए जानकारी लेने के लिए Newer Post पे क्लिक करें.

How to add a online visitor counter on your blog?



अपने ब्लॉग पे ऑनलाइन विजिटर काउंटर कैसे जोड़ें? How to add a online visitor counter on your blog?

प्रिय मित्र यदि आपके पास कोई ब्लॉग या वेबसाइट है तो क्या आप ये मालुम कर सकते हो की आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर इस समय कितने विजिटर है और वो किस देश से है.

यदि आपके पास ये जानकारी देने का कोई माध्यम नहीं है तो आप अपनी वेबसाइट और ब्लॉग पर एक ऐसा विजिटर काउंटर लगा सकते हो जो आपको विजिटर की गणना करके बताएगा की इस समय आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर कितने यूज़र्स मोजूद है और वो किस किस देश से है. यह बिलकुल फ्री है और ना ही इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता है.
इसके लिए आपको केवल एक HTML कोड को कॉपी करके अपनी वेबसाइट के HTML में पेस्ट करना है.

ये HTML कोड आपको यहाँ से मिलेगा. ब्लॉगर इस HTML कोड को कॉपी करके नीचे दिए तरीके अनुसार इस काउंटर को अपने ब्लॉग पर लगा सकते है.

    Log in to Your Blogger Account:- आप अपने ब्लॉगर ब्लॉग के लिए विजिटर काउंटर जोड़ना चाहते हैं तो सबसे पहले आप अपने ब्लॉगर खाते में लॉग ऑन करें. यदि आप अभी तक में लॉग इन नहीं हैं, तो यहां से अपने ब्लॉगर खाते में प्रवेश करें.
    Go to Layout to Add a Gadget:- अब अपने ब्लॉगर ब्लॉग मुखपृष्ठ के बाईं ओर मेनू से लेआउट पर क्लिक करें. लेआउट पर क्लिक करने के बाद अब आपको लेआउट से Add a Gadget पर क्लिक करना होगा.

Add a HTML / JavaScript Gadget:- Add a Gadget पर क्लिक करने के बाद, एक पॉप अप विंडो खुलेगी. वहाँ आपको गैजेट्स के विभिन्न प्रकार की एक सूची दिखेगी इसमें से HTML / JavaScript गैजेट को खोजें और उस पर क्लिक करें. इसके बाद विंडो के ऊपर एक और नया पॉप खुल जाएगा.


Add Copied Codes to the Content Box:- इस नई पॉप अप विंडो में दो text input बॉक्स हैं आप बस कंटेंट बॉक्स (द्वितीय बॉक्स) में कॉपी किए गए कोड को पेस्ट करें. सेव पे क्लिक करें. अपने ब्लॉग को ओपन करे.

Sunday 26 April 2015

सुरक्षित है नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर? यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है।



पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है। यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में शामिल भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। नेपाल में यह भगवान शिव का सबसे पवित्र मंदिर है।

इस मंदिर के गर्भगृह में चारमुखी शिवलिंग है। वह भी एक मीटर ऊंचा। चार मुखों के नाम अलग-अलग हैं जिसमें पूर्व की ओर बने मुख को तत्पुरुषा, दक्षिण के की ओर बने मुख को अघोरा, उत्तर की ओर बने मुख को वामदेव और पश्चिम की ओर बने मुख को साध्योजटा के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि पशुपतिनाथ मंदिर के इस शिवलिंग के इन मुखों को चार धर्मों और हिंदू धर्म के चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसमें दुनियाभर के सभी देशों से हिंदू धर्म को मानने वाले लोग यहां आते हैं।








तस्वीरों में देख‌िए, भूकंप के 24 घंटे बाद नेपाल के हालात





 
नेपाल में शनिवार सुबह आए भूकंप के बाद यहां मरने वालों का आंकड़ा 1800 पार कर चुका है। यहां सड़कें, इमारतें और घरों के टूटने की खबर है जिसका मलबे में अभी कई और लोगों के दबे होने की आशंका है।

नेपाल और समूचे उत्तर भारत में रविवार दोपहर 12:43 बजे एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल के कोडारी इलाके में था, जो नेपाल की राजधानी काठमांडू से करीब 80 किमी दूर है।

हेल्पलाइन नंबर
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने नेपाल में गुमशुदा लोगों से जुड़ी जानकारी के लिए ये हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं 011-26701728, 011-26701729, 09868891801 काठमांडू स्थित भारतीय एंबेसी का हेल्पलाइन नंबर है +9779851107021, +9779851135141





 






नेपाल-भारत में फिर भूकंप, 6.9 तीव्रता वाले झटके



नेपाल और समूचे उत्तर भारत में रविवार दोपहर 12:43 बजे एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल के कोडारी इलाके में था, जो नेपाल की राजधानी काठमांडू से करीब 80 किमी दूर है।

हेल्पलाइन नंबर
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने नेपाल में गुमशुदा लोगों से जुड़ी जानकारी के लिए ये हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं 011-26701728, 011-26701729, 09868891801 काठमांडू स्थित भारतीय एंबेसी का हेल्पलाइन नंबर है +9779851107021, +9779851135141




Saturday 25 April 2015

भूकंप में तबाह नेपाल के दरबार स्क्वेयर



दरबार स्क्वायर अतीत में नेपाल के शाही महल के पास स्थानों के लिए संदर्भित करता है। अन्य संरचनाओं के साथ-साथ मंदिरों, मूर्तियों, मूर्तियों, खुली अदालतों और फव्वारे दरबार स्क्वायर के एक भाग के रूप में। पिछले दरबार चौकों में भूमि के राजाओं के राज्याभिषेक सहित महत्व की घटनाओं का साक्षी रहा था। अब एक देश के रूप में एकजुट, नेपाल के कई छोटे राज्यों के शामिल है कि एक देश एक बार गया था। दरबार चौकों प्राचीन राज्य के जीवन और शैली के उत्कृष्ट उदाहरण है। नेपाल में प्रसिद्ध तीन दरबार चौकों काठमांडू दरबार स्क्वायर, पाटन दरबार स्क्वायर और Bhaktapur दरबार स्क्वायर हैं। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के रूप में इन वर्गों की घोषणा की है।

 यूनेस्को द्वारा आठ सांस्कृतिक विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध काठमांडू दरबार स्क्वायर 12 वीं और 18 वीं शताब्दी की तारीख है कि प्राचीन मंदिरों, महलों, आंगनों और सड़कों में से एक समूह है। वर्ग राजधानी शहर की सामाजिक, धार्मिक और शहरी केन्द्र बिन्दु होना करने के लिए जाना जाता है।

पैलेस परिसर में 19 वीं सदी तक शाही नेपाली निवास था और इस तरह के नेपाली नरेश के राज्याभिषेक के रूप में महत्वपूर्ण समारोह, की साइट है। महल अलंकृत नक्काशीदार लकड़ी खिड़कियों और पैनलों एक साथ सजाया है। यह राजा त्रिभुवन स्मारक संग्रहालय और महेंद्र संग्रहालय है