शनि का प्रत्येक भाव के लिए उपाय
शनि देव के प्रकोप से हम सभी भयभीत रहते हैं। शनि की साढ़े साती हो या ढईया इनका नाम सुनते ही घबराहट सी महसूस होने लगती है। लाल किताब में शनि के प्रकोप से बचने के लिए आसान उपाय दिये गये हैं। इस लेख में इन्हीं उपायों के बारे में जिक्र किया जा रहा है।
आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे होते है तब उनका उपाय किया जाता है।परन्तु लाल किताब के अनुसार ग्रह चाहे शुभ स्थिति में हो या अशुभ उसका उपाय करने से जहाँ उसके फल में स्थायित्व रहता (Result intact in Lal Kitab) हें, वही दूसरी तरफ अशुभ ग्रह का उपाय करने से उसके विपरीत प्रभाव में कमी आती है।
कुण्डली में शनि जिस भाव में है उस भाव के अनुसार हमें किस प्रकार का उपाय करना चाहिए, यहां लाल किताब के सिद्धान्तों के अनुसार हम इसे जानने की कोशिश करेंगे।
आपके लिए लाल किताब कुंडली एवं उपचार रिपोर्ट - Lal Kitab Remedies
आपकी कुण्डली में शनि प्रथम भाव में स्थित हों तो आपको इस प्रकार के उपाय करने चाहिए।((Remedies of Saturn in first house)
1) जमीन पर तेल गिराएं.
2) 48 वर्ष की आयु तक मकान न बनाएं.
3) रूके हुये पानी में काला सुरमा दबाएं.
4) बन्दर पालें.
5) मांगने वाले को लोहे की अगींठी, तवा, चिमटा इत्यादि दान में दें.
6) वट बृक्ष की पेड़ की जड़ में दूध डालकर उसकी गीली मिट्टी का तिलक माथे पर लगाएं.
द्वितीय भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in second house)
1) भूरे रंग की भेंस पालें.
2) साँप को दूध पिलाएं.
3) मन्दिर में उड़द काली मिर्च, काले चने व चन्दन की लकडी दान में दें.
4) प्रतिदिन मन्दिर में दर्शन करें.
तृतीय भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in third house)
1) अलग-अलग रंग के (सफेद, लाल, काला, ) तीन कुत्ते पालें.
2) मकान की दहलीज में लोहे की कील लगाएं.
चतुर्थ भाव में स्थित शनी के उपाय (Remedies of Saturn in fourth house)
1) साँप को दूध पिलाएं.
2) मछ्ली को चावल, दाना आदी डालें
3) डा़क्टरी का कार्य करें और इलाज के तौर खुश्क दवा दें.
4) रात को दूध न पिये.
5) श्रमिक वर्ग से अच्छे सम्बन्ध बनाकर रखें.
6) भैस पालें.
7) दवाईयों व्यापार करें.
पंचम भाव में स्थित शनी के उपाय (Remedies of Saturn in fifth house)
1) 48 वर्ष आयु से पहले मकान न वनाएं.
2) मन्दिर में बादाम चढाए़ व उनमें से आधे वाप़स लाकर घरमें रखें.
3) पुत्र के जन्म दिन पर मिठाई न बाटें.
4) कुत्ता पालें.
5) काले सुरमें को बहते जल में प्रवाहित करें.
छटे भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in sixth house)
1) भूरे व काले रंग का कुत्ता पालें.
2) सरसो का तेल मिट्टी या शीशी के बर्तन में बन्द करके तालाब के पानी के अन्दर दबाएं.
3) साँप को दूध पिलाएं.
4) रात के समय किया गया काम लाभदायक होगा.
सप्तम भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in seventh house)
1) 22 वर्ष की आयु से पहले विवाह न करें.
2) देशी खाण्ड मिटटी के बर्तन में भरकर श्मशान में दवाएं.
3) पत्नी के बालों में सोना लगाएं.
4) किसी भी रिश्तेदार से साझें में कार्य न करें.
5) पत्नी की सलाह से काम करें.
अष्टम भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in eighth house)
1) शराब, अण्डे, मांस से परहेज करें.
2) मकान न खरीदें.
3) भारी मशीनरी का व्यबसाय न करें.
4) लोहे की अंगीठी, तवा, चिमटा आदि दान करें.
5) भुमि पर नगें पाँव ना चलें.
6) आठ किलो साबुत उड़त चलते पानी में प्रवाहित करें.
नवम भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in ninth house)
1) शराब, अण्डा, मांस का सेवन ना करें.
2) चलते पानी में चावल प्रवाहित करें.
3) पिता, दादा के साथ रहें.
4) बूढे ब्राह्मण को बृहस्पति की वस्तुएँ दान करें .
5) छत पर इंधन (चूल्हा) न जलाएँ.
6) सोना, चांदी व कपडे़ का व्यबसाय लाभ देगा.
द्शम भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in tenth house)
1) रात को दूध ना पिये.
2) सिर ढक कर रखें .
3) दस अन्धों को भोजन करायें.
4) शराब, अण्डा, मांस का सेवन ना करें.5) मन्दिर में दर्शन हेतु जाते रहें.
एकादश भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in eleventh house)
1) शराब, अण्डा, मांस का सेवन ना करें.
2) 48 वर्ष आयु के पश्चात मकान बनाऎं.
3) जमीन पर तेल गिराऎं.
4) मकान में दक्षिण दिशा की ओर दरवाजा ना रखें.
5) शुभ काम करने से पहले मिट्टी का घडा़ पानी से भरकर रखें.
द्वादश भाव में स्थित शनि के उपाय (Remedies of Saturn in twelveth house)
1) झूठ बोलने से बचे.
2) मकान की पिछली दीवार में रोशनदान ना बनाएं.
3) शराब, अण्डा, मांस से परहेज करें.
4) धर्म, कर्म करते रहें.
लाल किताब के अनुसार शनि के उपरोक्त उपाय (Remedies of Saturn in Lal Kitab) करने से तुरन्त लाभ मिलता हैं.
ध्यान रखें:
1) एक समय में केवल एक ही उपाय करें.
2) उपाय कम से कम 40 दिन या 43 दिनो तक करें.
3) उपाय में नागा ना करें यदि किसी कारणवश नागा हो तो उपाय फिर से प्रारम्भ करें.
4) उपाय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक करें.
5) उपाय खून का रिश्तेदार ( भाई, पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता है.
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