Wednesday, 25 March 2015

॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥

॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥








॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥
ऐं = सरस्वती का बीज मन्त्र है ।

ह्रीं = महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है ।

क्लीं = महाकाली का बीज मन्त्र है ।

नवार्ण मन्त्र का जाप इन तीनों देवियों की कृपा प्रदान करता है ।



  • वस्त्र आसन  लाल होगा .
  • दिशा कोई भी हो सकती है.
  • स्नान कर के बैठेंगे .
  • रात्रि काल में जाप होगा.
  • रुद्राक्ष की माला से जाप करें.
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • बकवास और प्रलाप से बचें.
  • यथासंभव मौन रहें.
  • यथा शक्ति जाप करें.

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