ऐसे-करें- हनुमानजी -को-प्रसन्न
Lord Hanuman Mantra
हनुमानजी की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उनसे क्षमा-प्रार्थना करना चाहिए-
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||
Hanumanji ki pooja ke dauran is mantra ko padhte huye unse kshama-prarthana karna chahiye-
Mantraheenam Kriyaheenam Bhaktiheenam Kapishwar |
Yatpoojitam Maya Dev! Paripoorn Tadastu Me ||
हनुमानजी की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उनसे क्षमा-प्रार्थना करना चाहिए-
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||
Hanumanji ki pooja ke dauran is mantra ko padhte huye unse kshama-prarthana karna chahiye-
Mantraheenam Kriyaheenam Bhaktiheenam Kapishwar |
Yatpoojitam Maya Dev! Paripoorn Tadastu Me ||
हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए सुवर्णपुष्प समर्पण करना चाहिए-
वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् |
पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न - समुज्जलम् ||
Hanumanji ki pooja me is mantra ko padhte huye Suvarnpushp samarpan karna chahiye-
Vaayuputra ! Namastubhyam Pushpam Sauvarnakam Priyam |
Poojayishyaami Te Moordhni Navratn - Samujjalam ||
हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें ऋतुफल समर्पण करना चाहिए-
फ़लं नानाविधं स्वादु पक्वं शुद्धं सुशोभितम् |
समर्पितं मया देव गृह्यतां कपिनायक ||
Hanumanji ki pooja me is mantra ko padhte huye unhe Ritufal samarpan karna chahiye-
Falam Naanaavidham Swaadu Pakvam Shuddham Sushobhitam |
Samarpitam Mayaa Dev Grihyataam Kapinaayak ||
इस मंत्र को पढ़ते हुए पवनपुत्र हनुमानजी को सिन्दूर समर्पण करना चाहिए-
दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम् |
तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो ||
Is mantra ko padhte huye Pavanputra Hanumanji ko sindoor samarpan karna chahiye-
Divyanaagasamudbhutam Sarvmangalaarkam |
Tailaabhyamgayishyaami Sindooram Grihyataam Prabho ||
अंजनीपुत्र हनुमान की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए-
नीलोत्पलैः कोकनदैः कह्लारैः कमलैरपि |
कुमुदैः पुण्डरीकैस्त्वां पूजयामि कपीश्वर ||
Anjaneeputra Hanuman ki pooja karte samay is mantra ke dwara unhe pushpmala samarpan karna chahiye-
Neelotpalaih Kokanadaih Kahlaaraih Kamalairapi |
Kumudaih Pundareekaistvaam Poojayaami Kapeeshwar ||
हनुमानजी की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पंचामृत समर्पण करना चाहिए-
मध्वाज्य - क्षीर - दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः |
पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर ||
Hanumanji ki pooja karte samay is mantra ke dwara unhe Panchamrit samarpan karna chahiye-
Madhvaajya - Ksheer - Dadhibhih Sagudairmantrasanyutaih |
Panchamritaih Prithak Snaanaih Sinchaami Tvaam Kapeeshwar ||
मारुतिनंदन की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए-
कुसुमा-क्षत-सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्गव |
दास्यामि ते अन्जनीपुत्र | स्वमर्घ्यं रत्नसंयुतम् ||
Marootinandan ki pooja me is mantra ke dwara unhe arghya samarpan karna chahiye-
Kusuma-Kshta-Sammishram Grihyataam Kapipungav |
Daasyaami Te Anjaneeputra | Svamarghyam Ratnasanyutam ||
इस मंत्र को पढ़ते हुए अंजनीपुत्र हनुमानजी को पाद्य समर्पण करना चाहिए-
सुवर्णकलशानीतं सुष्ठु वासितमादरात् |
पाद्योः पाद्यमनघं प्रतिफ़गृह्ण प्रसीद मे ||
Is mantra ko padhte huye Anjaniputra Hanumanji ko padya samarpan karna chahiye-
Suvarnkalashaaneetam Sushthu Vaasitamaadaraat |
Padyoh Padyamanagham Pratifagrihna Praseed Me ||
हनुमानजी की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पण करना चाहिए-
नवरत्नमयं दिव्यं चतुरस्त्रमनुत्तमम् |
सौवर्णमासनं तुभ्यं कल्पये कपिनायक ||
Hanumanji ki pooja ke dauran is mantra ko padhte huye unhe aasan samarpan karna chahiye-
Navratnmayam Divyam Chaturstramanuttamam |
Sauvarnamaasanam Tubhyam Kalpaye Kapinaayak ||
इस मंत्र को पढ़ते हुए पवनपुत्र हनुमानजी का आवाहन करना चाहिए-
श्रीरामचरणाम्भोज-युगल-स्थिरमानसम् |
आवाहयामि वरदं हनुमन्तमभीष्टदम् ||
Is mantra ko padhte huye Pavanputra Hanumanji ka aavahan karna chahiye-
Shriramcharanaambhoj-Yugal-Sthiramaanasam |
Aavaahayaami Vardam Hanumantambheeshtadam ||
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ReplyDeletejai sri ram.... hanuman chalisa for all............
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