पुरुषों में अवसाद के खतरनाक संकेत
अवसाद चिंता और तनाव की अंतिम सीढ़ी है। दुनिया भर में लाखों लोग इस परेशानी का सामना कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार अकेले अमेरिका में हर वर्ष 50 लाख लोग अवसादग्रस्त होते हैं। यह एक मानसिक रोग है, जो हमारी शारीरिक और मानसिक गतिविधि पर असर डालता है।
महिलाओं और पुरुषों में अवसाद दुख का सबसे बड़ा कारण होता है। इससे व्यक्ति का खुशनुमा चीजों में दिल नहीं लगता। लेकिन, कई बार अवसाद अलग-अलग लोगों में अलग-अलग प्रकार से सामने आता है। आइए जानते हैं उन बातों को जो पुरुषों के अवसादग्रस्त होने का संकेत देते हैं।
थकान
अवसादग्रस्त व्यक्ति गंभीर मानसिक और शारीरिक बदलावों से गुजरता है। वह हमेशा थका-थका सा महसूस करता है। उसकी शारीरिक गतिविधियां भी सीमित हो जाती हैं। उसके बोलने और वैचारिक प्रक्रिया की रफ्तार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अवसाद के दौरान महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में थकान अधिक होती है। यह अवसाद के सभी लक्षणों में सबसे सामान्य होता है।
नींद पर असर
अवसाद के कारण लोगों की नींद पर विपरीत असर पड़ता है। वे या तो बहुत कम या बहुत अधिक सोने लगते हैं। कुछ लोग 12 घंटे तक सोने के बाद भी थकान महसूस करते हैं, तो वहीं कुछ लोग रात में थोड़ी-थोड़ी देर बाद जागते रहते हैं। थकान की ही तरह नींद की समस्या भी अवसादग्रस्त पुरुषों में सामान्य लक्षण है।
पेट या पीठ दर्द
कब्ज या डायरिया, और सिरदर्द और कमर दर्द जैसे स्वास्थ्य लक्षण, अवसादग्रस्त लोगों में सामान्य हैं। लेकिन, अक्सर पुरुष इस बात को नहीं समझते कि तेज दर्द और पाचन क्रिया में अनियमितता का संबंध अवसाद से भी हो सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि अवसादग्रस्त लोगों को स्वास्थ्य समस्यायें लगी रहती हैं। लेकिन, अक्सर वे इसे लेकर गंभीर नहीं होते।
चिढ़चिढ़ापन
अवसादग्रस्त पुरुषों का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। अगर वे भावनात्मक बातें कर रहे हों, तो दुख और चिड़चिड़ेपन का मेल सामने आ सकता है। पुरुषों में चिड़चिड़ेपन की बड़ी उनके मस्तिष्क में लगातार आने वाले नकारात्मक विचार आते हैं।
एकाग्रता में कमी
साइकोमीटर रेडिएशन से पुरुषों में सूचना प्रक्रिया करने की क्षमता कम हो जाती है, इससे व्यक्ति को काम और अन्य कामों पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। अवसाद के कारण व्यक्ति नकारात्मक विचारों से भर जाता है। इससे उसके लिए किसी भी अन्य काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। जब आप अवसाद में होते हैं, तो आपका मस्तिष्क सही प्रकार से काम नहीं कर पाता।
अवसाद चिंता और तनाव की अंतिम सीढ़ी है। दुनिया भर में लाखों लोग इस परेशानी का सामना कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार अकेले अमेरिका में हर वर्ष 50 लाख लोग अवसादग्रस्त होते हैं। यह एक मानसिक रोग है, जो हमारी शारीरिक और मानसिक गतिविधि पर असर डालता है।
महिलाओं और पुरुषों में अवसाद दुख का सबसे बड़ा कारण होता है। इससे व्यक्ति का खुशनुमा चीजों में दिल नहीं लगता। लेकिन, कई बार अवसाद अलग-अलग लोगों में अलग-अलग प्रकार से सामने आता है। आइए जानते हैं उन बातों को जो पुरुषों के अवसादग्रस्त होने का संकेत देते हैं।
थकान
अवसादग्रस्त व्यक्ति गंभीर मानसिक और शारीरिक बदलावों से गुजरता है। वह हमेशा थका-थका सा महसूस करता है। उसकी शारीरिक गतिविधियां भी सीमित हो जाती हैं। उसके बोलने और वैचारिक प्रक्रिया की रफ्तार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अवसाद के दौरान महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में थकान अधिक होती है। यह अवसाद के सभी लक्षणों में सबसे सामान्य होता है।
नींद पर असर
अवसाद के कारण लोगों की नींद पर विपरीत असर पड़ता है। वे या तो बहुत कम या बहुत अधिक सोने लगते हैं। कुछ लोग 12 घंटे तक सोने के बाद भी थकान महसूस करते हैं, तो वहीं कुछ लोग रात में थोड़ी-थोड़ी देर बाद जागते रहते हैं। थकान की ही तरह नींद की समस्या भी अवसादग्रस्त पुरुषों में सामान्य लक्षण है।
पेट या पीठ दर्द
कब्ज या डायरिया, और सिरदर्द और कमर दर्द जैसे स्वास्थ्य लक्षण, अवसादग्रस्त लोगों में सामान्य हैं। लेकिन, अक्सर पुरुष इस बात को नहीं समझते कि तेज दर्द और पाचन क्रिया में अनियमितता का संबंध अवसाद से भी हो सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि अवसादग्रस्त लोगों को स्वास्थ्य समस्यायें लगी रहती हैं। लेकिन, अक्सर वे इसे लेकर गंभीर नहीं होते।
चिढ़चिढ़ापन
अवसादग्रस्त पुरुषों का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। अगर वे भावनात्मक बातें कर रहे हों, तो दुख और चिड़चिड़ेपन का मेल सामने आ सकता है। पुरुषों में चिड़चिड़ेपन की बड़ी उनके मस्तिष्क में लगातार आने वाले नकारात्मक विचार आते हैं।
एकाग्रता में कमी
साइकोमीटर रेडिएशन से पुरुषों में सूचना प्रक्रिया करने की क्षमता कम हो जाती है, इससे व्यक्ति को काम और अन्य कामों पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। अवसाद के कारण व्यक्ति नकारात्मक विचारों से भर जाता है। इससे उसके लिए किसी भी अन्य काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। जब आप अवसाद में होते हैं, तो आपका मस्तिष्क सही प्रकार से काम नहीं कर पाता।
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