Thursday, 2 April 2015

वैवाहिक जीवन रेखा


                        प्रेम प्रसंग एवं वैवाहिक जीवन रेखा






समुद्रशास्त्र में बताया गया है कि हथेली में सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत का स्थान होता है। बुध पर्वत के अंत में कुछ आड़ी गहरी रेखाएं होती हैं। यह विवाह रेखाएं कहलाती है। व्यक्ति के प्रेम प्रसंग एवं वैवाहिक जीवन का आंकलन इसी रेखा की बनावट के आधार पर किया जाता है। यह रेखा जितनी साफ और स्पष्ट होती है वैवाहिक जीवन उतना ही अच्छा होता है।

हस्त रेखा विज्ञान में बताया गया है कि हाथ में बुध पर्वत पर जितनी आड़ी रेखा होती है व्यक्ति के उतने ही प्रेम प्रसंग हो सकते हैं। धुंधली एवं अस्पष्ट रेखाओं का विचार नहीं किया जाता है। यहां पर जो रेखा सबसे लंबी और साफ होती है उसे ही विवाह रेखा माना जाता है। अन्य रेखाओं को प्रेम प्रसंग के रूप में माना जाता है। विवाह रेखा टूटी हो या कटी हुई हो तो विवाह विच्छेद की संभावना होती है। इस स्थिति में दूसरे विवाह की भी संभावना बन जाती है।



वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा यह भी इस रेखा से जाना जाता है। यदि रेखा नीचे की ओर झुकी हुई हों तो दांम्पत्य जीवन में काफी परेशानी आती है। विवाह रेखा के आरंभ में दो शाखाएं हो तो उस व्यक्ति की शादी टूटने की आशंका रहती है। किसी स्त्री के हाथ में विवाह रेखा के आरंभ में द्वीप चिन्ह हो तो उसका विवाह धोखे से होता है। यदि विवाह रेखा अनामिका के नीचे सूर्य रेखा तक गई हो तो उस व्यक्ति का विवाह किसी विशिष्ट व्यक्ति से होता है।

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