Wednesday, 1 April 2015

ऐसे हाथ वालों पर होती है पैसों की बरसात....

                ऐसे हाथ वालों पर होती है पैसों की बरसात....





कुछ लोग होते हैं जो हमेशा अपनी हर बात के लिए किस्मत को दोष देते हैं। कुछ भी हो इन्हें सिर्फ अपनी किस्मत पर ही रोना आता है। अगर आप भी यही समझते हैं कि आपकी किस्मत आपका साथ नहीं दे रही है तो प्रतिदिन यह उपाय करें। इस उपाय को करने से कुछ ही दिनों में निश्चित ही आपकी किस्मत चमक उठेगी।
उपाय
जब भी भोजन बनें, पहली रोटी को अलग निकालकर रख लें। इसके चार बराबर भाग कर लें। चारों भागों पर कुछ न कुछ मीठा जैसे- खीर, गुड़ या शक्कर आदि रख दें। इसका पहला भाग गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को और चौथा चौराहे पर रख दें। कुछ ही दिनों में आपको परिवर्तन दिखने लगेगा।
ऐसे हाथ वालों पर होती है पैसों की बरसात....
हमारे हाथों में केवल कोई एक लकीर ही हमें धनवान नहीं बना सकती। इंसान के हाथों में ऐसे कई योग होते हैं जो उसे कुबेर जैसा धनवान बनाते हैं। ऐसे लोगों के हाथों में कोई एक चिन्ह या निशान ही उन्हें पूरी तरह संपन्न नहीं बना सकता।
बल्कि पूरे हाथ के लक्षण देख कर ये बताया जा सकता है कि उस व्यक्ति पर लक्ष्मी कितनी मेहरबान है।हाथों में ऐसे कई लक्षण होते हैं जिनसे व्यक्ति की किस्मत चमक जाती है और उस पर धन की बरसात लगातार होती है।
आइए जानते हैं कि हाथों में वो ऐसे कौन से लक्षण है जो व्यक्ति को करोड़पति बना सकते हैं। - जब हथेली मध्य से ऊपर उठी हुई हो तो जातक समृद्ध होता है। ऐसी स्थिति में यदि सूर्य रेखा यानी रिंग फिंगर के नीचे के क्षेत्र से निकलने वाली रेखा और मस्तिष्क रेखा के साथ ही बृहस्पति यानी इंडैक्स फिंगर के नीचे वाला पर्व सुविकसित हो तो ऐसा व्यक्ति करोड़पति होता है।
- अंगूठा यदि मोटा और गद्देदार हो तो व्यक्ति सम्पन्न होगा।
- जब भाग्य रेखा यानी मिडिल फिंगर के क्षेत्र से निकलने वाली रेखा, सूर्य रेखा और बृहस्पति का संबंध बने और साथ ही मणिबंध जंजीरदार हो तो ऐसा व्यक्ति करोड़पति होता है।
- हथेली में वर्ग का चिन्ह हो साथ ही सूर्य रेखा और भाग्य रेखा के साथ ही बुध रेखा यानी लिटिल फिंगर के क्षेत्र से निकलने वाली रेखा सभी अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति करोड़पति बनता है।
- जिसके हाथ में कलश, ध्वजा, मछली, चक्र, दंड आदि का चिन्ह होता है तो ऐसा व्यक्ति करोड़पति होता है।
- यदि हथेली में मस्तिष्क रेखा, बुध रेखा, और भाग्य रेखा से त्रिकोण बनता है तो व्यक्ति निश्चित ही अमीर होता है।
- जिसके हाथ में सुपष्ट जीवन रेखा, स्वस्थ्य भाग्य रेखा और बिना किसी दोष की लम्बी सूर्य रेखा होती है तो ऐसे में व्यक्ति के हाथ में अष्टलक्ष्मी योग बनता है। ऐसा व्यक्ति अतुल्यनीय धन सम्पति का स्वामी होता है।
- यदि सूर्य पर्वत यानी रिंग फिं गर के नीचे का क्षेत्र विकसित हो सूर्य रेखा हथेली के मध्य में आकर शुक्र पर्वत की ओर जाती है। रेखा पर किसी तरह की बाधा ना हो तो ऐसा व्यक्ति राजराजेश्वर योग होता है। ऐसे लोगों के पास अपार सम्पति होती है।
- यदि गुरू पर्वत यानी इंडैक्स फिंगर के नीचे वाले क्षेत्र पर क्रास का चिन्ह हो भाग्य रेखा , जीवन रेखा, और सूर्य रेखा सपष्ट हो तो साथ ही गुरू पर्वत के साथ ही मंगल पर्वत भी पूर्ण विकसित हो तो ऐसा व्यक्ति भी अपने जीवन में अत्याधिक सफलता और समृद्धि प्राप्त करता है।
 हस्तरेखा से जाने कब होगा विवाह और कब होगा भाग्योदय
ज्योतिष के विभिन्न रूपों में हस्तरेखाओं की गणना करना काफी दिलचस्प है। इसमें न तो जन्म समय या दिनांक की समस्या रहती है और न ही किसी जन्म पत्रिका की आवश्यकता, जहां है जैसे हैं की स्थिति में जातक का के भाग्योदय के बारे में बताया जा सकता है।
यहां आपको ऐसे ही टिप्प दिए जा रहे हैं जिनके जरिए आप अपना भविष्य खासतौर पर वैवाहिक भविष्य पता कर सकते हैं।
    विवाह रेखा एक से ज्यादा हो तो जो रेखा लम्बी हो उसे विवाह की रेखा समझना चाहिए। शेष छोटी रेखाएं प्रेम संबंधों या सगाई के बारे में बताती हैं। प्रधान रेखा यदि लम्बी हो लेकिन लहरदार होकर पतली हो जाए तो यह जीवन साथी के स्वास्थ्य के उतार-चढाव को दर्शाती है।
    सबसे छोटी अंगुली (किनिष्ठका) के नीचे बुध का स्थान माना गया है। यहीं से हृदय रेखा निकल कर बृहस्पति के स्थान की तरफ जाती है। अंगुली के मूल में और हृदय रेखा के मध्य के स्थान पर दिखाई देने वाली आड़ी रेखाओं से व्यक्ति के विवाह का आकलन किया जाता है। रेखाओं की संख्या, स्थिति और उनकी बनावट से विवाह की आयु, स्वरूप, विवाह की संख्या और जीवन साथी की शारीरिक बनावट का आकलन किया जाना चाहिए।
    कुछ लोग प्रेम विवाह के लिए उक्त रेखाओं से गणना करते हैं। लेकिन वास्तव में प्रेम विवाह के लिए हथेली में बृहस्पति, शुक्र और मंगल के स्थान भी बहुत प्रभावी देखें गये हैं। हालांकि प्रेम विवाह होगा या नहीं, इसकी जानकारी के लिए बुध के स्थान पर पड़ी रेखाओं से काफी कुछ स्पष्ट किया जा सकता है। लेकिन प्रेम विवाह में आ रही अड़चने और प्रेमिका (या प्रेमी) के स्वभाव और चरित्र के बारे में शुक्र और बृहस्पति से अंदाजा लगाना ठीक रहेगा।
    जब विवाह रेखा दूसरी प्रधान रेखाओं की तुलना में निम्न या उच्च दिखाई दे तो यह अंतरजातीय विवाह की सूचक है। कुछ विद्वान इसे अपने से धनी या निर्धन परिवार में विवाह होने का प्रतीक समझते हैं। अर्थात ऐसी रेखाएं बेमेल विवाह करवाती हैं। यदि इस प्रकार का कोई योग यदि दिखाई दे तो यह निश्चित है कि ऐसे व्यक्ति का विवाह सामान्य तो नहीं होगा।
इसलिए होता है विवाह में विलम्ब

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