Monday, 13 April 2015

सफल होने के लिए सही काम सही तरीके से करना चाहिए















एक वरिष्ठ जज अपनी कानूनी जानकारी के साथ-साथ इसलिए भी मशहूर थे कि वह हमेशा खोये-खोये से रहते थे। एक बार जब रेल में सफ़र करते हुए टिकट चैकर ने टिकट दिखाने को कहा, तो जज ने अफ़सोस प्रकट करते हुए कहा कि टिकट तो वह खरीदना ही भूल गये थे। जब टिकट चैकर ने बड़े ही सम्मान के साथ कहा, ‘‘हुजूर, क्या आप बता सकते हैं कि आप रेल में कहाँ से चढ़े थे और कहां जायेंगे’’, तो जज साहब ने और परेशान होकर कहा, ‘‘वही तो मुसीबत है। मुझे याद ही नहीं कि कहाँ जाना है।’’ कई बार मैनेजमेंट की भी ऐसी ही समस्याएँ होती हैं। वे अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से तय नहीं करते और अगर करते भी हैं तो उन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना भूल जाते हैं जो इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ज़रूरी होती हैं। सफल होने के लिए मैनेजरों को सही काम सही तरीके से करना चाहिए। यही इस पुस्तक  का मूल विषय है। 

विश्वविद्यालय प्रशासन की ख़स्ता हालत


किसी भी विश्वविद्यालय का उद्देश्य स्पष्ट रूप से निर्धारित होता है- मुख्यतः अध्यापन और शोध पर यह तभी सम्भव है जब रोज़मर्रा का प्रशासन सही ढंग से चलता रहे। विश्वविद्यालय में एक महत्त्वपूर्ण काम होता है परीक्षाओं का सुचारू रूप से संचालन परन्तु आजकल परीक्षाओं का जो हाल होता है वह शर्मनाक है। इसके चलते अभूतपूर्व कानूनी समस्याएँ खड़ी हो गई हैं। यहाँ तक कि एक मामले में एक राज्य के मुख्यमन्त्री को त्यागपत्र तक देना पड़ा था। कुछ समय पहले एक और मामला सामने आया था जिसमें परीक्षक ने उत्तर पुस्तिकाएँ विश्वविद्यालय को लौटाने की जगह उन्हें नष्ट कर दिया था। ऊँचे आदर्शों की बात करना तो आसान है परन्तु उन्हें पूरा करने के लिए आवश्यकता होती है निरन्तर सावधानी और छोटी से छोटी बात पर ध्यान देने की। अक्सर इसी की कमी पाई जाती है।

टेनेसी वैली ऑथॉरिटी

दूसरी तरफ़ उद्देश्यों को स्पष्ट न करने से भी समस्याएँ खड़ी हो जाती हैं। अमरीका की बहुचर्चित टेनेसी वैली ऑथॉरिटी (बिजली उत्पादन हेतु बनाई गई एक कम्पनी) परियोजना के शुरुआती दौड़ में इसी कारण से अव्यवस्था बनी रही। परियोजना के अधिकारी एक साथ कई काम करने का प्रयास कर रहे थे, जैसे बाढ़ की रोकथाम, बिजली का उत्पादन, वृक्षारोपण और समुदाय का विकास इत्यादि। नतीजा यह हुआ कि इनमें से कुछ भी ठीक से नहीं हो पाया, और परियोजना के प्रशासन से सभी असन्तुष्ट नज़र आने लगे। आखिर में, तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति रूज्वेल्ट को टी. वी. ए. प्रशासन आर्थर मार्गर (जो एक कुशल इंजीनियर थे) के स्थान पर एक युवा वकील डेविड लिंलिएंथल को लाना पड़ा।
लिलिएंथल का सबसे पहला काम था परियोजना का मुख्य उद्देश्य निर्धारित करना। यह उद्देश्य था बिजली का उत्पादन, जिसे सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई। इसके नतीजे बड़े उत्साहर्धक थे। टी.वी. ए. परियोजना विश्व में अपनी तरह की सबसे सफल परियोजनाओं में गिनी जाने लगी।


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