राजा बलि ने निभाया था रक्षाबंधन का वचन
हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार राजा बलि ने भगवान विष्णु से अपना साम्राज्य दुश्मनों के प्रपंचों से बचाने हेतु आग्रह किया।
अपने भक्त के अनुरोध पर भगवान विष्णु ने ब्राह्मण स्त्री का रूप लेकर राजा बलि के निवास में रहने का संकल्प लिया, परंतु इस प्रतिज्ञा को सुन भगवान विष्णु की पत्नि देवी लक्ष्मी ने राजा बलि से अपने स्वामी को स्वर्गलोक नहीं छोड़ने के लिए निवेदन किया।
देवी लक्ष्मी ने श्रावण पूर्णिमा के दिन राजा बलि को राखी बांधकर उनसे अपने स्वामी को स्वर्गलोक नहीं त्यागने का वचन लिया।
बहन की कामना जानकर राजा बलि ने विष्णु देव से स्वर्गलोक में ही रहने की विनती की और इस तरह उन्होंने अपनी बहन के सुहाग की रक्षा की।
राजा बलि के समान जो भाई अपनी बहन की एवं बहन के सुहाग की रक्षा करता है,वह रक्षा-बँधन का सही फर्ज निभाता है!
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