Tuesday 19 May 2015

गुस्से का इज़हार भी अच्छा पती-पत्नी के बीच



वॉशिंगटन।। आप अपनी वैवाहिक रिश्ते में माफ कर देते हैं या बातों को भूल जाते हैं तो यह हमेशा आपके लिए अच्छा नहीं है। कभी-कभार आपके गुस्से का इजहार इन रिश्तों के लिए जरूरी हो जाता है। एक नई स्टडी के मुताबिक, कभी-कभार गुस्से का इजहार रिश्ते से जुड़ी परेशानियों को सुलझाने के लिए जरूरी हो जाता है।

फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने पाया है कि गुस्से को जाहिर करने से से कुछ देर के लिए दिक्कत हो सकती है और इसका असर बातचीत पर पड़ सकता है लेकिन लॉन्गटर्म में रिश्तों के लिए यह फायदेमंद साबित होगा।

हाल के सालों में की गई एक फेमस रिसर्च से पता चला है कि माफ करने से, पॉजिटिव रहने से, दूसरे के प्रति नरम रहने से लोग टूटे हुए रिश्तों को भी जोड़ सकते हैं। हाल ही में कि गई स्टडी में जेम्स मैकनुल्टी ने पाया कि शादीशुदा लाइफ में माफ करना कभी-कभार बिना कारण नेगेटिव असर छोड़ देता है।

मैकनुल्टी ने कहा कि हम सभी लोगों ने अनुभव किया है कि रिश्ते में जिसमें एक हमसफर हद पार करने की कोशिश करता है। उदाहरण के तौर पर हमसफर आर्थिक रूप से गैर जिम्मेदार, अविश्वासी या असहयोगी हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब ऐसी परिस्थिति सामने आती है हम लोग निर्णय लेते हैं कि क्या हम लोगों को गुस्सा करना चाहिए या माफ कर देना चाहिए।

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